Bihar News: आज़ादी के 79 साल बाद भी ‘प्यासा विकास’, मुंगेर का डंगरी गाँव सरकार के दावों की खुली पोल
Bihar News: आज़ादी के 79 वर्ष बीत जाने के बावजूद यहाँ के लगभग 400 आदिवासी परिवार बुनियादी सुविधाओं पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए तरस रहे हैं।

MUNGER : आज़ादी के 79 वर्ष बीत जाने के बावजूद यहाँ के लगभग 400 आदिवासी परिवार बुनियादी सुविधाओं पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए तरस रहे हैं। मुंगेर ज़िले के टेटियाबंबर प्रखंड अंतर्गत नौनाजी पंचायत का डंगरी गाँव आज भी आधुनिक विकास से कोसों दूर है। गाँव में पीने के पानी के लिए सिर्फ एक चापानल और एक समरसेबल है।
ये दोनों खराब हो जाएँ तो ग्रामीणों को जंगलों और ताल-तलैया से पानी लाना पड़ता है। बिजली के नाम पर पूरे गाँव में बस एक सोलर लाइट लगी है। न सड़क है, न उप-स्वास्थ्य केंद्र। इलाज के लिए लोगों को 7-8 किलोमीटर दूर टेटियाबंबर या संग्रामपुर जाना पड़ता है।न आंगनबाड़ी, न स्कूल। बच्चों को पढ़ने के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है।
गाँव के लोग आज भी लकड़ी बेचने और पत्तों से प्लेट बनाने का काम कर पेट पालते हैं। विकास योजनाओं का न तो कोई लाभ मिला और न ही रोजगार के अवसर।ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नेताओं की याद सिर्फ चुनाव के समय आती है। वोट माँगने के बाद न कोई जनप्रतिनिधि लौटकर आता है, न ही सरकारी योजनाएँ। एक ग्रामीण ने कहा कि चुनाव में नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन बाद में हमें मिलता है तो सिर्फ कोरा आश्वासन।
डंगरी गाँव की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यह गाँव पत्घागर जैसे विकसित क्षेत्र से महज ढाई किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन सरकारी विकास की कोई किरण यहाँ तक नहीं पहुँची।
रिपोर्ट-मो. इम्तियाज खान