MUNGER - सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद अपने नाम के आगे से नियोजित शब्द हटाकर राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करनेवाले विशिष्ट शिक्षक अब नई परेशानी में घिर गए है। शिक्षा विभाग की गलती के कारण मुंगेर जिले के लगभग 2500 से अधिक के वेतन पर संकट आ गया है।
रिटायरमेंट एकाउंट नंबर नहीं मिला
बताया गया कि विशिष्ट शिक्षकों को वेतन प्राप्त करने के लिए परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर अथवा स्थायी सेवानिवृति खाता संख्या (प्राण नंबर) का होना आवश्यक है। लेकिन अभी तक कुछ ही शिक्षकों का प्राण नंबर मिल पाया है। जबकि जनवरी से विशिष्ट शिक्षकों को उनके प्राण नंबर के आधार पर ही वेतन का भुगतान किया जाना है। ऐसे में यदि शिक्षकों का आवेदन अस्वीकृत हो रहा है अथवा उनका प्राण नंबर जल्द तैयार नहीं होगा तो उनको वेतन भुगतान में काफी परेशानी होगी। प्राण नंबर में हो रही देरी को लेकर शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक शिक्षा विभाग व कोषागार के बीच पिस रहे हैं।
21 सौ में सिर्फ 16 का मिला नंबर
बता दें कि जिले में 2500 शिक्षकों में 2100 ने प्राण नंबर के लिए आवेदन दिया था। इसमें से 1100 से अधिक आवेदन को डीईओ कार्यालय के स्थापना शाखा ने अनुमोदित भी किया। विडंबना यह कि इस एक माह की अवधि में अब तक महज 16 शिक्षकों का ही प्राण नंबर बन पाया है।
कोषागार अधिकारी से हुई है बात
जिले के डीईओ असगर अली ने बताया कि प्राण नंबर तैयार करने की प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। इस मामले में कोषागार पदाधिकारी से भी बात हुई है तथा उनसे इसमें सहयोग करने का आग्रह किया गया है।