Bihar Sand Mafia: बिहार में अवैध खनन पर सरकार की सख्ती! मुजफ्फरपुर के थानाध्यक्ष निलंबित, जीरो टॉलरेंस नीति लागू
बिहार सरकार ने अवैध खनन पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू करते हुए मुजफ्फरपुर के करजा थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। बालू ढुलाई मामले में लापरवाही के चलते यह कार्रवाई की गई।

Bihar Sand Mafia: बिहार सरकार, विशेषकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में, अब अवैध बालू खनन और परिवहन पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है।राज्य में यह पहली बार नहीं है कि अवैध खनन की शिकायतें सामने आई हों, लेकिन इस बार सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी, चाहे वह किसी भी स्तर पर हो, अगर दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
फरवरी 2025 में खनन विभाग ने अवैध बालू ढुलाई करते एक वाहन को जब्त किया।वाहन को करजा थाना को सौंपा गया, और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया लेकिन जब वरिष्ठ अधिकारियों ने फॉलोअप किया तो पता चला कि एक महीने से अधिक समय तक एफआईआर दर्ज ही नहीं की गई। जांच में सामने आया कि थानाध्यक्ष ने जानबूझकर कार्रवाई को टालने और माफिया से संभावित मिलीभगत के चलते लापरवाही बरती। इस आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
उप मुख्यमंत्री का सख्त संदेश: ‘लापरवाही नहीं चलेगी’
उप मुख्यमंत्री सह खन एवं भू-तत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जो भी अधिकारी माफिया गठजोड़ में शामिल होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार जनता की संपत्ति की लूट को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया किसंबंधित जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को त्वरित जांच का आदेश दिया गया है। दोषियों के खिलाफ विभागीय और आपराधिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई सिर्फ मुजफ्फरपुर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राज्यभर में सख्त समीक्षा की जाएगी।
खनिज राजस्व में गिरावट: सरकार की कड़ी नजर
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुजफ्फरपुर की खनिज राजस्व वसूली सिर्फ 59.14% रही, जो राज्य औसत से काफी नीचे है।सरकार ने तय किया है कि राजस्व वसूली कम करने वाले जिलों की विशेष समीक्षा की जाएगीइन जिलों में खनन गतिविधियों की निगरानी, माफिया नियंत्रण और अधिकारियों की जवाबदेही को बढ़ाया जाएगा।इसके साथ ही ऑनलाइन ट्रैकिंग, जीपीएस मॉनिटरिंग और CCTV इंटीग्रेशन जैसी तकनीकों को भी लागू किया जाएगा