Bihar Land Survey: बिहार में प्रशिक्षु IAS समेत 5 लोगों पर नहीं दर्ज हुआ मुकदमा ,मृत व्यक्ति के नाम पर हुआ था खेला...

Bihar Land Survey: फर्जी जमाबंदी के गंभीर आरोपों के संबंध में प्रशिक्षु आईएएस और चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट के आदेश को अहियापुर थाने ने नजरअंदाज कर दिया।...

Bihar Land Survey
प्रशासन और न्यायिक प्रणाली की कार्यप्रणाली पर सवाल- फोटो : social Media

Bihar Land Survey: फर्जी जमाबंदी के गंभीर आरोपों के संबंध में प्रशिक्षु आईएएस और चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट के आदेश को अहियापुर थाने ने नजरअंदाज कर दिया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने एक महीने पहले एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन थानेदार रोहन कुमार ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की।

इस मामले में एक माह पूर्व कोर्ट ने आदेश दिया था, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि इस मामले की जांच की जाए और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने रिमाइंडर भी जारी किया था।

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बता दें अहियापुर में  एक मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी जमाबंदी कायम की गई है। यह घटना तब उजागर हुई जब स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू की और पाया कि मृतक व्यक्ति के नाम पर भूमि रजिस्ट्री की गई थी, जबकि वह पहले ही निधन हो चुका था।इस मामले में, मृतक व्यक्ति का नाम और पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर किसी अन्य व्यक्ति ने फर्जी तरीके से भूमि का बैनामा कराया। यह प्रक्रिया पूरी तरह से अवैध थी और इसमें कई सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत होने की आशंका जताई जा रही है।

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 मामला कांटी अंचल के दादर कोल्हुआ गांव से संबंधित है। इस गड़बड़ी में प्रशिक्षु आईएएस और तत्कालीन कांटी सीओ आकांक्षा आनंद, वर्तमान सीओ रिशिका, राजस्व कर्मचारी प्रवीण कुमार, स्थानीय दलाल जितेंद्र साह और सुजीत सहनी को आरोपित किया गया है।

हालांकि, अब तक इन पांच आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे स्थानीय प्रशासन और न्यायिक प्रणाली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।