Bihar News: हाजिर हो...मरने के बाद भी कोर्ट में इन तीन नेताओं के खिलाफ हर महीने हो रही सुनवाई, कोर्ट में इस दिन होना होगा पेश, जानिए क्या है पूरी खबर...
Bihar News: बिहार के तीन मरे हुए नेताओं के कोर्ट में पेशी की तारीखें तय हो गई है। कोर्ट में हाजिरी के लिए उनका नाम भी पुकारा जाएगा। इन नेताओं के खिलाफ मुकदमे विशेष अदालत में चल रहे हैं....

Bihar News: बिहार में अजब-गजब मामला सामने आया है। जहां मरने के बाद भी प्रदेश के तीन नेताओं के खिलाफ कोर्ट में हर महीने सुनवाई हो रही है। यही नहीं नेताओं के खिलाफ विशेष अदालत में मुकदमे चल रहे हैं। मामला मुजफ्फरपुर का है। दरअसल, बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम, राम विचार राय और पूर्व विधायक मिथिलेश प्रसाद राय के निधन के बावजूद उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे अब तक समाप्त नहीं किए गए हैं। अदालत में उनकी पेशी के लिए नियमित रूप से तारीखें तय की जा रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से उनके निधन की रिपोर्ट न भेजे जाने के कारण केस अभी भी लंबित हैं।
कौन है ये तीन नेता
रमई राम- पूर्व मंत्री रमई राम, जिनका 14 जुलाई 2022 को 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनके खिलाफ 15 वर्षों से मामला चल रहा है। नगर थाना में दर्ज इस केस में अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होनी है और अदालत में उनकी हाजिरी के लिए नाम पुकारा जाएगा।
राम विचार राय - वर्ष 2021 में 67 वर्ष की आयु में पूर्व कृषि मंत्री राम विचार राय का निधन हो गया था। उनके खिलाफ दो मुकदमे लंबित हैं, जिनमें से एक नगर थाना में 2010 में दर्ज हुआ था। इस केस में एक गवाह का बयान हो चुका है, जबकि दूसरे गवाह के पेश न होने पर जमानतीय वारंट जारी किया गया था। इस मामले में भी अगली सुनवाई 5 अप्रैल को निर्धारित है। इसके अलावा, 2005 में देवरिया कोठी थाना में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की पांच धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
मिथिलेश प्रसाद राय- पूर्व विधायक मिथिलेश प्रसाद राय के खिलाफ 2012 में नगर थाना में आईपीसी की तीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में अब तक छह गवाहों के बयान हो चुके हैं और 5 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की गई है।
पुलिस रिपोर्ट के अभाव में केस नहीं हो रहे बंद
जिला अभियोजन अधिकारी डॉ. ए.के. हिमांशु के अनुसार, कानून के तहत मृत अभियुक्तों के खिलाफ चल रहे मुकदमे बंद करने का प्रावधान है। गृह विभाग नियमित रूप से सांसदों, विधायकों और पूर्व जनप्रतिनिधियों के मुकदमों की निगरानी करता है। हालांकि, इन तीनों मामलों में पुलिस की ओर से संबंधित रिपोर्ट अदालत को नहीं भेजी गई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही अदालत से मुकदमे बंद करने का अनुरोध किया जाएगा।
विशेष अदालत में चल रहे हैं मुकदमे
तीनों पूर्व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामले विशेष अदालत में लंबित हैं। कई सुनवाई की तारीखें बीतने के बावजूद पुलिस की उदासीनता के चलते अभी तक मुकदमों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।