Bihar News: मुजफ्फरपुर में बाढ़ पीड़ितों का फूटा गुस्सा, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर बरसे लोग, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

Bihar News: बाढ़ को लेकर मुजफ्फरपुर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

Bihar News: मुजफ्फरपुर में बाढ़ पीड़ितों का फूटा गुस्सा, प्र
बाढ़ पीड़ितों का फूटा गुस्सा - फोटो : MANIBHUSHAN

Muzaffarpur: नेपाल में हो रही लगातार बारिश का असर अब बिहार में साफ़ दिखने लगा है। मुजफ्फरपुर ज़िले से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ — बागमती, लखनदेई और बूढ़ी गंडक — इस वक़्त उफान पर हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई इलाकों में लोगों को अपना घर-बार छोड़ ऊँचे स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। सबसे ज़्यादा तबाही औराई और गायघाट विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रही है, जहाँ बागमती नदी ने दर्जनों गाँवों में पानी भर दिया है।

लखनदेई नदी का जलस्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है। क्षतिग्रस्त जमींदारी बाँध से पानी का तेज़ बहाव निचले इलाकों में तबाही मचा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से पानी लगातार उनके घरों में घुस रहा है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि दोनों ही मौन हैं। किसी ने अब तक राहत सामग्री, नाव या अस्थायी शिविर की व्यवस्था नहीं की है।

बाढ़ पीड़ितों का सब्र आखिरकार टूट गया। मंगलवार को उन्होंने औराई थाना क्षेत्र के औराई–रूनीसैदपुर मुख्य मार्ग पर टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया। नाराज़ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाज़ी की और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि “बाँध टूटा हुआ है, पानी हर घंटे बढ़ रहा है, लेकिन अधिकारी कुर्सी पर बैठे तमाशा देख रहे हैं। कोई हमारी सुध लेने नहीं आया।”

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द राहत सामग्री, नाव और मेडिकल टीम की व्यवस्था नहीं की गई तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए औराई थानाध्यक्ष राजा सिंह स्वयं पहुँचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर शांत कराया और यातायात बहाल कराया। इस पूरी घटना ने एक बार फिर बिहार की बाढ़ प्रबंधन नीति और प्रशासनिक तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल की तरह इस साल भी नदियों का उफान और प्रशासन की उदासीनता ने मिलकर जनता की मुसीबत बढ़ा दी है। बाढ़ पीड़ित अब भी राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन सरकारी मदद का कोई ठोस अता-पता नहीं है।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा