Muzaffarpur News: छापेमारी जारी, धंधा भी बरकरार! मुजफ्फरपुर में जानिए शराबबंदी की सच्चाई, अबतक कितनी हुई गिरफ़्तारी

Muzaffarpur News: छापेमारी जारी, धंधा भी बरकरार! मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur :  बिहार में अप्रैल 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद मुजफ्फरपुर में अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस हर महीने सैकड़ों छापेमारी अभियान चला रही है, सैकड़ों शराब तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है, और करोड़ों रुपये की शराब जब्त की जा रही है। इसके बावजूद, शराब माफियाओं का साम्राज्य बदस्तूर फल-फूल रहा है। हाल ही में, उत्पाद विभाग ने मुजफ्फरपुर के तीन थाना क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई कर तीन तस्करों को लाखों रुपये की विदेशी शराब और एक लक्जरी वाहन के साथ पकड़ा, लेकिन सवाल वही है—आखिर इतनी सख्ती के बाद भी शराब का अवैध कारोबार कैसे?

उत्पाद विभाग की बड़ी सफलता, फिर भी अधूरी

उत्पाद विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर मुजफ्फरपुर के सदर, सिकंदरपुर, और अहियापुर थाना क्षेत्रों में एक साथ छापेमारी की। सदर और सिकंदरपुर थाना क्षेत्र: लाखों रुपये की विदेशी शराब के साथ तीन शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया। अहियापुर थाना क्षेत्र: एक लक्जरी वाहन से ब्रांडेड विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद की गई। हालांकि, इस मामले में तस्कर वाहन छोड़कर फरार हो गया। उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कार्रवाई में भारी मात्रा में विदेशी शराब और एक लक्जरी वाहन जब्त किया गया है। तीन तस्करों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। लेकिन इस सफलता के बावजूद, तस्करों के फरार होने और कारोबार के नए-नए तरीकों ने प्रशासन की चुनौतियों को उजागर किया है।  

शराबबंदी की हकीकत: आंकड़ों में सच्चाई बिहार में शराबबंदी के 9 साल (अप्रैल 2016 से मार्च 2025) में:  

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3.86 करोड़ लीटर शराब जब्त: इसमें 2.10 करोड़ लीटर विदेशी और 1.76 करोड़ लीटर देसी शराब शामिल है। 9.36 लाख मुकदमे दर्ज: उत्पाद विभाग और पुलिस ने मिलकर 14.32 लाख लोगों को गिरफ्तार किया। 1.40 लाख वाहन जब्त: शराब तस्करी में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर कार्रवाई।  

मुजफ्फरपुर में हालिया कार्रवाइयां:  

मार्च 2025: बोचहां थाना क्षेत्र में 11 लाख रुपये की विदेशी शराब के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार।  जनवरी 2025: दिल्ली नंबर की डाक पार्सल वैन से 15 लाख रुपये की शराब बरामद। मई 2025: तीन महिला तस्करों को 250 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि शराबबंदी के बावजूद तस्करी का जाल बरकरार है। मुजफ्फरपुर में तस्कर ट्रेन, एम्बुलेंस, तेल टैंकर, और लक्जरी वाहनों जैसे अनोखे तरीकों से शराब की तस्करी कर रहे हैं।  

क्यों नहीं थम रहा शराब का अवैध कारोबार?

शराबबंदी ने बिहार में शराब की मांग को कम नहीं किया, बल्कि इसकी कालाबाजारी को बढ़ावा दिया। पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, और पश्चिम बंगाल से सस्ते दामों पर शराब लाकर बिहार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है। एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि शराब तस्करी तस्करों के लिए मोटी कमाई का जरिया बन गई है।  पटना हाईकोर्ट ने 2024 में शराबबंदी को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी, जिसमें कहा गया कि यह पुलिस और तस्करों की कमाई का जरिया बन गया है। कुछ मामलों में स्थानीय पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतें सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, सिवान और सारण में जहरीली शराब से मौतों के बाद भी तस्करों पर पूरी तरह नकेल नहीं कसी जा सकी। तस्कर शराब तस्करी के लिए लगातार नए तरीके इजाद कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर में ही तस्करों ने एम्बुलेंस, तेल टैंकर, और डाक पार्सल वैन जैसे वाहनों का इस्तेमाल किया। गैस सिलेंडर, ट्रैक्टर के गुप्त तहखाने, और ट्रेन से तस्करी जैसे मामले भी सामने आए हैं।  

रिपोर्ट- मणि भूषण शर्मा