Bihar News: हाय रे सरकार: बिहार के इन गांव में आजादी के 78 साल बाद भी सड़क के लिए तरस रहे लोग, चुनाव जीतने के बाद दर्शन तक नहीं देते माननीय!
Bihar News:आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बावजूद मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के मधुवन प्रताप गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव आज भी ग्रामीणों के लिए अभिशाप बना हुआ है।...

Bihar News:आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बावजूद मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के मधुवन प्रताप गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव आज भी ग्रामीणों के लिए अभिशाप बना हुआ है। इस गांव में सड़कों की कमी के कारण बारातियों की गाड़ियां लोगों के घर तक नहीं पहुंच पातीं, जिससे बेटे-बेटियों की शादी की चिंता ग्रामीणों को सताती रहती है। बागमती नदी के किनारे बसा यह गांव विकास की दौड़ में कोसों पीछे है, जहां लोग चचरी पुल और नाव के सहारे अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बागमती नदी के कारण गांव का संपर्क मुख्य सड़कों से कटा रहता है। चचरी पुल की जर्जर स्थिति और नाव पर निर्भरता के चलते न केवल दैनिक आवागमन बल्कि शादी-ब्याह जैसे सामाजिक आयोजनों में भी भारी दिक्कतें आती हैं। बाइक से भी गांव तक पहुंचना मुश्किल है, और कई बार चचरी पुल टूटने या नाव पलटने से बड़े हादसे हो चुके हैं। इस कारण लोग इस गांव में अपने बच्चों की शादी करने से कतराते हैं। ग्रामीणों का दर्द है कि मूलभूत सुविधाओं की कमी ने उनकी सामाजिक और आर्थिक जिंदगी को प्रभावित किया है।
स्थानीय लोग नेताओं पर भी गुस्सा जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले नेता जीतने के बाद पांच साल तक गांव का रुख नहीं करते। औराई से बीजेपी विधायक रामसूरत राय और मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री भी हैं, पर भी ग्रामीणों का आक्रोश साफ झलकता है। ग्रामीणों का आरोप है कि विकास के नाम पर केवल वादे किए गए, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं आया।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ग्रामीणों की नजर नेताओं के वादों और उनके इरादों पर है। सवाल यह है कि क्या इस बार मधुवन प्रताप गांव के लोग सड़क, पुल और बेहतर जिंदगी का सपना पूरा होते देख पाएंगे, या फिर वादों का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा