CBI raids: रेलवे स्क्रैप चोरी कांड में CBI का ताबड़तोड़ एक्शन! मुजफ्फरपुर में छापेमारी, इंजीनियरिंग अधिकारियों की गिरफ्तारी से रेल महकमे में हड़कंप
CBI raids: बड़े घोटाले को उजागर करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बिहार में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है।

CBI raids: रेलवे में लोहा और स्क्रैप चोरी के बड़े घोटाले को उजागर करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बिहार में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर, पटना, डेहरी ऑन सोन, मुजफ्फरपुर, नारायणपुर अनंत और गड़हरा जैसे प्रमुख स्थानों पर CBI और रेलवे विजिलेंस की संयुक्त टीमें छापेमारी कर रही हैं। गुरुवार को मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत और गड़हरा में एक साथ हुई छापेमारी ने रेल महकमे में हड़कंप मचा दिया। इस कार्रवाई में कई रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।
सख्ती का माहौल
CBI की टीमें इस मामले में पूरी गोपनीयता और सख्ती के साथ काम कर रही हैं। गुरुवार को मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत और गड़हरा में दो अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापेमारी शुरू की। कार्रवाई के दौरान सभी रेल कर्मचारियों के मोबाइल फोन बंद करा लिए गए और उन्हें एक कमरे में बैठाकर एक-एक करके पूछताछ की गई। यह कार्रवाई दोपहर से देर रात तक चली, जिससे रेलवे के वैगन डिपो और इंजीनियरिंग विभाग में अफरा-तफरी का माहौल रहा।
CBI ने इस छापेमारी के दौरान वैगन डिपो के इंचार्ज सहित कई कर्मचारियों से गहन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सोनपुर, पटना और डेहरी ऑन सोन में पहले हुई पूछताछ और गिरफ्तारियों के आधार पर की गई है। डेहरी में सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह सहित चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद CBI को कई अहम सुराग मिले, जिसके बाद मुजफ्फरपुर और गड़हरा में यह ताजा कार्रवाई हुई।
रेलवे स्क्रैप चोरी का गहरा नेटवर्क
CBI की जांच में सामने आया है कि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी निजी ठेकेदारों के साथ मिलकर लोहा और स्क्रैप चोरी का एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। इस घोटाले में दानापुर से डेहरी तक करोड़ों रुपये की रेलवे संपत्ति को अवैध रूप से बेचा गया। CBI ने इस मामले में पहले हाजीपुर, पटना और डेहरी ऑन सोन में छापेमारी कर कई इंजीनियरिंग अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें सीनियर डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियर जैसे बड़े अधिकारी शामिल हैं।हाल ही में CBI ने एक सीनियर रेलवे अधिकारी (IRSE:2000) और तीन अन्य लोगों को 32 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जिसने इस घोटाले के तार निजी ठेकेदारों और रेलवे अधिकारियों के गठजोड़ तक पहुंचाए। इस कार्रवाई ने रेलवे में व्याप्त भ्रष्टाचार और चोरी के गहरे नेटवर्क को उजागर किया है।
मुजफ्फरपुर में छापेमारी: हड़कंप और सस्पेंस
मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत और गड़हरा में CBI की छापेमारी ने रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में सनसनी मचा दी। बताया जाता है कि CBI की टीमें सुबह से ही इन स्थानों पर पहुंच गई थीं और उन्होंने तुरंत पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया। वैगन डिपो में मौजूद कर्मचारियों को बाहर नहीं निकलने दिया गया और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी गई। स्थानीय लोगों और रेल कर्मचारियों को इस कार्रवाई का कारण नहीं बताया गया, जिससे सस्पेंस और डर का माहौल बना रहा।CBI ने इस छापेमारी में कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं, जो इस घोटाले के और गहरे तार उजागर कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई में कुछ और बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं, जो इस चोरी के नेटवर्क में शामिल हैं।
रेलवे में भ्रष्टाचार का पुराना इतिहास
रेलवे में भ्रष्टाचार और स्क्रैप चोरी के मामले कोई नई बात नहीं हैं। हाल के महीनों में CBI ने कई बड़े मामलों का खुलासा किया है। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 में पूर्व मध्य रेलवे में विभागीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में 26 रेल अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इसी तरह, अक्टूबर 2024 में हाजीपुर में 15 करोड़ रुपये के रेलवे कॉन्ट्रैक्ट घोटाले में दो रेलवे अधिकारियों और एक ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।इन सभी मामलों से साफ है कि रेलवे में भ्रष्टाचार और चोरी का जाल गहरा और व्यापक है। CBI की मौजूदा कार्रवाई इस जाल को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
रेल महकमे में हड़कंप, बड़े खुलासों की उम्मीद
CBI की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से पूर्व मध्य रेलवे के सभी डिवीजनों में हड़कंप मचा हुआ है। रेलवे कर्मचारी और अधिकारी डर के माहौल में हैं, क्योंकि CBI की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। डेहरी, हाजीपुर, पटना और अब मुजफ्फरपुर तक पहुंची इस कार्रवाई ने रेलवे के भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े किए हैं।
CBI सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी अब उन ठेकेदारों और बिचौलियों की तलाश में है, जो इस चोरी के नेटवर्क का हिस्सा हैं। साथ ही, रेलवे के उन बड़े अधिकारियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो इस घोटाले में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं।
आने वाले दिनों में CBI की जांच से और बड़े खुलासे होने की संभावना है, जो न केवल रेलवे बल्कि बिहार की सियासत में भी हलचल मचा सकते हैं। फिलहाल, रेल महकमे में डर और सस्पेंस का माहौल है, और सभी की निगाहें CBI की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
रिपोर्ट-मणिभूषण शर्मा