Muzaffarpur Traffic Chalan: बिहार के ट्रैफिक पुलिस की जय हो! कर दिया गजब का कारनामा, बाइक की जगह कार के नाम पर काट दिया गलत चालान
Muzaffarpur Traffic Chalan: मुजफ्फरपुर के दवा कारोबारी संतोष कुमार को ट्रैफिक पुलिस की गलती से बिना वजह चालान भुगतना पड़ा। बाइक खड़ी थी, चालान में कार की तस्वीर जुड़ी थी।

Muzaffarpur Traffic Chalan: मुजफ्फरपुर के छाता चौक सब्जी मंडी रोड स्थित दवा व्यवसायी संतोष कुमार को उस समय भारी परेशानी उठानी पड़ी जब उन्हें ट्रैफिक पुलिस की ओर से बिना हेलमेट बाइक चलाने के आरोप में चालान मैसेज प्राप्त हुआ। हालांकि, सच्चाई यह है कि 7 मई 2025 की सुबह 8:32 बजे उनकी बाइक दुकान के सामने खड़ी थी, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज में भी स्पष्ट रूप से हो रही है।
चालान में गड़बड़ी: बाइक की जगह कार की फोटो
इस चालान की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस वाहन का फोटो चालान में लगा है, वह बाइक नहीं बल्कि कार है। चालान में दर्ज कार का नंबर BR 22 BH 1403 है, जबकि संतोष कुमार की बाइक का असली नंबर है BR 06 CY 6651।इस तकनीकी लापरवाही ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ट्रैफिक सिस्टम में वाकई डिजिटल वेरिफिकेशन हो रहा है या फिर सिर्फ नंबर देखकर चालान थमा दिया जा रहा है?संतोष कुमार ने इस मामले में ट्रैफिक डीएसपी और डीटीओ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे उस समय कहीं गए ही नहीं थे और बाइक दुकान पर ही खड़ी थी।
बढ़ रही है गलत चालान की घटनाएं
यह पहला मामला नहीं है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां या तो गलत वाहन नंबर पर चालान काटा गया या फिर वाहन खड़ी होने के बावजूद भी चालान थमा दिया गया।कई मामलों में यह भी देखने को मिला है कि फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करके असली वाहन मालिक को दोषी ठहरा दिया जाता है। इससे ईमानदार और नियम पालन करने वाले नागरिकों को मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।ट्रैफिक पुलिस के पास दर्जनों शिकायतें ऐसी आई हैं, जहां घर पर खड़ी बाइक या स्कूटर का चालान बिना फोटो वेरीफिकेशन के काट दिया गया।
क्या कहता है सिस्टम और समाधान क्या है?
डिजिटल चालान प्रणाली को लागू करने का उद्देश्य था कि मानव त्रुटि को कम किया जाए, लेकिन अब यह प्रणाली ही कई बार नागरिकों के लिए मुसीबत बन रही है।यदि चालान प्रणाली में दर्ज फोटो, स्थान, समय और नंबर प्लेट का स्वचालित क्रॉस-चेकिंग सिस्टम हो तो ऐसी गलतियां रोकी जा सकती हैं। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज को सबूत के रूप में मान्यता देना चाहिए। नागरिकों को ऑनलाइन चालान अपील पोर्टल उपलब्ध कराया जाए।फर्जी नंबर प्लेट पर तुरंत कार्रवाई की व्यवस्था हो