Bihar Police: DGP विनय कुमार लेंगे बड़ा एक्शन? आदेश के बावजूद इस जिले के थानों में लंबित रह गए 5500 मामले, रिपोर्ट DIG तक पहुंची
Bihar Police: बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिसकर्मियों को साफ निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी केस का 300 दिनों के भीतर निष्पादन करे। इसके बावजूद इस जिले में 5500 से अधिक केस अब भी लंबित हैं।

Bihar Police: मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न थानों में 5495 आपराधिक मामले ऐसे हैं, जो 300 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। कई निर्देशों के बावजूद, इन मामलों का निष्पादन अब तक नहीं हो सका है। जिससे न सिर्फ न्याय मिलने में देरी हो रही है बल्कि दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है।
पुलिस मुख्यालय ने तय की थी समयसीमा
पुलिस मुख्यालय की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि हर आपराधिक मामले की जांच तीन सौ दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए। बावजूद इसके कई मामलों में जांच अब तक अधूरी है जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। वहीं अब माना जा रहा है कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में पुलिस मुख्यालय है।
एसएसपी ने डीआईजी को भेजी रिपोर्ट
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुशील कुमार ने इन लंबित मामलों का विस्तृत ब्योरा तिरहुत रेंज के डीआईजी को भेजा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यायालय के अनुसार जिले में दर्ज कुल मामलों की संख्या 45,865 है जबकि पुलिस रिकॉर्ड में यह संख्या 40,098 दर्शाई गई है। 31 मई 2025 तक 34,603 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है जबकि 5495 केस अब भी अधर में हैं। एसएसपी ने यह रिपोर्ट जिलाधिकारी और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को भी भेजी है।
इन कारणों से फंसी जांच
रिपोर्ट के अनुसार, लंबित मामलों में 3325 केस संज्ञेय अपराध से संबंधित हैं। 2170 केस असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं। 155 मामलों में जख्म प्रतिवेदन और अन्य मेडिकल रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। 99 केस फॉरेंसिक (FSL) और अन्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अभाव में रुके हैं। 26 केस अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण रुके हैं। 345 मामलों में आरोपी या अज्ञात वाहन का सुराग नहीं मिल सका है। 267 केस वरीय अधिकारियों के निर्णय की प्रतीक्षा में हैं और 1407 केस विभिन्न अन्य कारणों से लंबित हैं।
लगातार समीक्षा और निर्देश
एसएसपी सुशील कुमार ने बताया कि इन मामलों के शीघ्र निष्पादन के लिए लगातार समीक्षा की जा रही है और अनुसंधानकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जल्द से जल्द न्यायिक प्रक्रिया को गति देने के लिए सभी विभागीय समन्वय को मजबूत किया जाएगा। इन लंबित मामलों की बड़ी संख्या जिले की आपराधिक न्याय प्रणाली की धीमी रफ्तार को उजागर करती है। इससे न केवल पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हो रही है, बल्कि आम जनता के विश्वास पर भी असर पड़ रहा है।