LATEST NEWS

मैरेज हॉल और मंदिर छोड़कर पोते ने की अस्पताल में शादी! जानें क्यों उठाया ऐसा कदम, जिसके बारे में हर जगह हो रही चर्चा

मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में पोते ने अपनी बीमार दादी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अस्पताल के शिव मंदिर में शादी रचाई। शादी के दो घंटे बाद दादी का निधन हो गया।

मैरेज हॉल और मंदिर छोड़कर पोते ने की अस्पताल में शादी! जानें क्यों उठाया ऐसा कदम, जिसके बारे में हर जगह हो रही चर्चा
Muzaffarpur Hospital Wedding- फोटो : SOCIAL MEDIA

Muzaffarpur SKMCH hospital Marriage: मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में एक अनोखी और भावुक घटना सामने आई है, जिसने प्रेम और समर्पण की एक अद्भुत मिसाल कायम की। एक बीमार दादी, जो अपने अंतिम समय में थीं। उसने अपने पोते की शादी अपनी आंखों से देखने की इच्छा जताई। परिवार ने उनकी इस अंतिम इच्छा को तुरंत साकार किया और अस्पताल के शिव मंदिर में पोते की शादी करवाई। यह क्षण जितना खुशहाल था, उतना ही गमगीन भी, क्योंकि शादी के महज दो घंटे बाद ही दादी का निधन हो गया।

बीमार दादी की अंतिम इच्छा: पोते की शादी देखना

रीता देवी, जो मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा की रहने वाली थीं, लंबे समय से बीमार थीं और SKMCH अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी सेहत तेजी से बिगड़ रही थी और परिवार को यह अंदेशा हो गया था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं बचा है। इस बीच, रीता देवी ने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की कि वह अपने पोते की शादी अपनी आंखों से देखना चाहती थीं। उनका पोता अगले महीने शादी के बंधन में बंधने वाला था, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए परिवार ने तुरंत यह निर्णय लिया कि शादी को बिना देरी के अस्पताल में ही आयोजित किया जाएगा

अस्पताल के शिव मंदिर में जल्दबाजी में की गई शादी

अस्पताल में ही पोते की शादी कराने के लिए परिवार ने जल्दबाजी में तैयारियां कीं। अस्पताल परिसर स्थित शिव मंदिर को विवाह के लिए सजाया गया, और लड़की वालों को भी तत्काल बुला लिया गया। दूल्हा-दुल्हन ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ शादी की सभी रस्में निभाईं। यह दृश्य अस्पताल में उपस्थित हर किसी के लिए बेहद भावुक था। रीता देवी, जो इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थीं, ने अपनी कमजोर आंखों से यह शुभ क्षण देखा। यह उनके जीवन का आखिरी खुशहाल लम्हा बन गया।

खुशी और गम का मिलाजुला क्षण

शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा आशीर्वाद लेने के लिए रीता देवी के पास इमरजेंसी वार्ड पहुंचा। अस्पताल के डॉक्टर, मरीजों के परिजन, और वहां मौजूद अन्य लोग इस भावुक और खास क्षण के साक्षी बने। लेकिन, यह खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। शादी के मात्र दो घंटे बाद ही रीता देवी ने अंतिम सांस ली, जिससे खुशी का माहौल गम में तब्दील हो गया।

अस्पताल में मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया

यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि अस्पताल में मौजूद सभी लोगों के लिए भावुक कर देने वाली थी। डॉक्टरों और मरीजों के परिवारवालों ने इस अनोखी शादी को देखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। रीता देवी की अंतिम इच्छा को पूरा होते देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।

दादी की अंतिम इच्छा का सम्मान

यह कहानी सिर्फ दादी के प्रेम और समर्पण की नहीं है, बल्कि यह एक परिवार के उस संकल्प की भी कहानी है जिसने अपनी प्रियजन की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यह घटना दिखाती है कि कैसे परिवार एक-दूसरे के लिए खड़े रहते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। यह शादी एक यादगार और प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है, जहां एक पोते ने अपनी दादी की अंतिम इच्छा को साकार कर उनके जीवन का अंतिम खुशी भरा लम्हा दिया।

मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में हुई शादी

मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में हुई यह भावुक घटना प्रेम और समर्पण की अद्वितीय मिसाल पेश करती है। एक परिवार ने अपनी बीमार दादी की अंतिम इच्छा को पूरा कर उन्हें जीवन का अंतिम खुशहाल पल दिया। इस घटना ने यह दिखाया कि सच्चे प्रेम और परिवार की भावनाओं का कोई मोल नहीं होता, और यह पल जीवनभर के लिए सभी के दिलों में बसा रहेगा।

मणिभूषण की रिपोर्ट

Editor's Picks