Muzaffarpur : बिहार का शिक्षा विभाग एक तरफ विभाग को हाईटेक करने की बात कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ अगर बात कर ले तो बिहार के शिक्षा विभाग में रोज नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। कभी मास्टर साहब का शराब पीने का वीडियो वायरल होता है तो कभी जिस स्कूल में बिजली का कनेक्शन नहीं है। वहां पर समरसेबल करवा दिया जाता है। जब स्कूल में बिजली का कनेक्शन ही नहीं है तो फिर समरसेबल चलेगा कैसे। सबसे बड़ा सवाल उठता है की क्या सरकारी राशि के बंदर बाट के लिए तो नहीं आनन फानन में समरसेबल का कनेक्शन किया गया।
बता दे की मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड में तकरीबन 190 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय स्थित है। जिसमें से कई विद्यालय ऐसे हैं जो बागमती नदी के परियोजना बांध के अंदर स्थित है। जहां आज तक बिजली का कनेक्शन भी नहीं पहुंच सका। कारण कि जब बारिश या फिर बाढ़ का समय आता है तो पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है। जिसमें से एक औराई प्रखंड का राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरनी टोला में स्थित है। उस स्कूल में आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं है। लेकिन अब वहां पर समरसेबल कर दिया गया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां पर बिजली की सुविधा ही नहीं है। उस स्कूल में लाखों रुपए की लागत से समरसेबल का कनेक्शन कर दिया जाना क्या सरकारी पैसे के बंदर वाट का नतीजा तो नहीं है।
हालांकि अब यह पूरा मामला सामने आने के बाद औराई प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी विनीत कुमार ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर किस परिस्थिति में उस स्कूल में जहां पर बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। वहां पर समरसेबल का कनेक्शन कर दिया गया। आखिर शिक्षा विभाग के लाखों रुपए को क्यों उस जगह पर डाल दिया गया। जहां पर उस लाखों रुपए की लागत से लगे समरसेबल का कोई उपयोग ही नहीं हो पाएगा। इस बात के लिए विभाग ने आखिर कैसे स्वीकृति प्रदान कर दी।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट