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Holi 2025 : बिहार के इन 5 गांवों में रंग गुलाल के साथ नहीं मनाई जाती होली, वजह जानकार हैरान रह जायेंगे

Holi 2025 : होली रंगों का त्यौहार है. लोग हंसी ख़ुशी के साथ एक दुसरे को रंग गुलाल लगाकर पर्व की बधाई और शुभकामना देते हैं. लेकिन बिहार के इन 5 गांवों में होली नहीं मनाई जाती है. जानिए क्या है वजह....पढ़िए आगे

Holi 2025 : बिहार के इन 5 गांवों में रंग गुलाल के साथ नहीं मनाई जाती होली, वजह जानकार हैरान रह जायेंगे
नहीं मनाई जाती होली - फोटो : social media

NALANDA : रंगों के त्यौहार होली में अब कुछ घंटे ही शेष बचे हैं। हर कोई रंगों का त्यौहार मनाने के लिए उत्साहित है। लेकिन नालंदा जिले के 5 गांवों मेंहोली मनाने की परंपरा काफी अलग है। यहां होली के दिन ग्रामीण रंग गुलाल और हुड़दंग नहीं बल्कि भक्ति में रमे रहते हैं। बिहारशरीफ सदर प्रखंड से सटे ये पांच गाँव पतुआना, बासवन बीघा, ढिबरापर, नकटपुरा और डेढ़धरा गांव है जहाँ पिछले 51 सालों से होली नहीं मनाई जाती।

इस सम्बन्ध में गाँव के मंदिर के पुजारी ने बताया की एक सिद्ध पुरुष संत बाबा उस जमाने में गांव में आए वे यहां झाड़फूंक करते थे। आज जिनके नाम से एक मंदिर गांव में है, जहां दूर दराज से श्रद्धालु आस्था के साथ मत्था टेकने पहुंचते हैं। उनकी 20 साल पहले मृत्यु हो गई। उन्होंने लोगों से कहा कि यह कैसा त्योहार है जिसमें लोग नशा करते हैं और फूहड़ गीत के साथ नशे में झूमते हैं।

इसके बाद से ही इस पर्व को रंग गुलाल के साथ इन पांच गांवों में नहीं मनाया जाता है। होली के दिन धार्मिक अनुष्ठान शुरू होने से पहले ग्रामीण घरों में मीठा व शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाकर तैयार कर लेते हैं। जब तक अखंड का समापन नहीं होता घर में चूल्हा और धुआं निकलना वर्जित रहता है। न ही लोग होली गीत गाते हैं और फूहड़ गीतों पर डांस करते हैं। 

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