Bihar News:'मेक इन इंडिया' का कमाल, चीन को टक्कर दे रहा नालांदा का कन्हैयागंज

Bihar News:बिहार के एकंगरसराय प्रखंड के कन्हैयागंज गांव के हुनरमंद कारीगरों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

Miracle of Make in India
'मेक इन इंडिया' का कमाल- फोटो : reporter

Bihar News:बिहार के एकंगरसराय प्रखंड के कन्हैयागंज गांव के हुनरमंद कारीगरों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अब तक चीन से आयात किया जाने वाला हाईटेक और पूरी तरह से ऑटोमेटिक 'स्विंग स्टार' झूला अब यहीं, नालंदा की धरती पर तैयार किया जा रहा है। यह कारनामा 'मेक इन इंडिया' पहल को एक नई उड़ान दे रहा है।

दो सफल ट्रायल, जल्द होगा लॉन्च

पिछले लगभग दो महीने से, अरविंद विश्वकर्मा और पिंटू विश्वकर्मा के नेतृत्व में 8-10 कारीगरों की एक समर्पित टीम इस विशाल झूले को आकार देने में जुटी थी। अब तक इसके हाइड्रोलिक और मूवमेंट के ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। अंतिम चरण में सीटों को लगाकर लोगों के साथ इसका ट्रायल किया जाएगा। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो 10-12 दिनों के भीतर यह प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी और 'स्विंग स्टार' झूला बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

यूट्यूब से मिली प्रेरणा, 60% कम लागत में निर्माण

अरविंद विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें इस झूले का आइडिया पहली बार कर्नाटक के एक मेले में सोशल मीडिया पर देखकर मिला था। जब उन्हें पता चला कि यह झूला चीन से मंगवाया गया था और इसकी लागत बहुत अधिक थी, तो उन्होंने इसे खुद ही भारत में बनाने का संकल्प लिया। यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से गहन शोध कर, उन्होंने एक युवा टीम बनाई और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर की मदद से इसका ऑटोमेशन सिस्टम भी तैयार किया।

सबसे बड़ी बात यह है कि जहां चीन से ऐसा झूला मंगाने में लगभग 1.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, वहीं कन्हैयागंज में बना यह 'स्विंग स्टार' झूला मात्र 60 लाख रुपये में तैयार हो रहा है, यानी लगभग 60% सस्ता! इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है, जो इसकी व्यावहारिकता को और बढ़ा देता है।

सिर्फ तीन बटन से नियंत्रण, पहले भी बना चुके हैं कमाल के झूले

'स्विंग स्टार' झूला पूरी तरह से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से संचालित है। इसमें केवल तीन बटन होते हैं - चालू, बंद और इमरजेंसी। पिंटू विश्वकर्मा ने बताया कि झूले का ऑटोमेशन सिस्टम दिल्ली से सीखकर तैयार किया गया है।

कन्हैयागंज के ये हुनरमंद कारीगर पहले भी कई ऑटोमेटिक झूले बना चुके हैं, जिनमें 20 सीटर 'तरंगा' और 24 सीटर 'सुनामी' जैसे लोकप्रिय झूले शामिल हैं। यहां का झूला क्लस्टर वास्तव में 'मेक इन इंडिया' योजना से जुड़ा हुआ है, लेकिन जानकारी के अभाव के कारण देशभर के बहुत कम खरीदार यहां तक पहुंच पाते हैं, जिससे उनके कारोबार को नुकसान होता है। उम्मीद है कि 'स्विंग स्टार' की यह सफलता कन्हैयागंज के इन कारीगरों को राष्ट्रीय पहचान दिलाएगी।

रिपोर्ट- राज पाण्डेय