Martyr Manish Kumar: बिहार का एक और लाल बॉर्डर पर शहीद, दो महीने पहले हुई थी शादी, अब तक 4 बिहारी जवानों ने दी प्राणों की आहुति

Martyr Manish Kumar: बिहार का एक और लाल बॉर्डर पर शहीद हो गया। शहीद मनीष कुमार की दो माह पहले ही शादी हुई थी। पत्नी के हाथों से अभी मेहंदी भी नहीं उतरी थी और पति के शहादत की खबर आ गई। पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है।

शहीद मनीष कुमार
एक और लाल शहीद - फोटो : social media

Martyr Manish Kumar:  भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में अब तक बिहार के 4 जवान शहीद हो गए हैं। सारण, सीवान और नालंदा के बाद अब नवादा के लाल के शहीद होने की दर्दनाक खबर सामने आई है। नवादा के शहीद लाल कारगिल में तैनात थे। शहीद का नाम मनीष कुमार बताया जा रहा है। सबसे दुख की बात है कि शहीद की दो माह पूर्व ही शादी हुई थी। जवान की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची पूरे गांव में मातम पसर गया। पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। 

नवादा के लाल बॉर्डर पर शहीद 

जानकारी अनुसार भारतीय सेना के एक कर्नल ने बुधवार को मनीष के परिवार को फोन कर उनके निधन की जानकारी दी। हालांकि, अभी तक मनीष की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। सेना ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार या शुक्रवार तक उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। शहीद कारगिल में तैनात थे और कौआकोल प्रखंड के पांडेयगंगौट गांव निवासी हैं।

शादी के दो माह बाद ही उजड़ गया संसार

मनीष कुमार की शादी इसी साल 6 मार्च को हुई थी। नवविवाहित मनीष की असमय शहादत ने उनके परिवार और पत्नी को गहरे सदमे में डाल दिया है। शोक की इस खबर से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों की हालत बेहद खराब है और उन्हें सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। मनीष की वीरगति पर गांव के लोगों को गर्व तो है, लेकिन इस असमय दुख ने हर आंख को नम कर दिया। गांव के लोग शहीद के पार्थिव शरीर की राह देख रहे हैं। 

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भारतीय सेना में कार्यरत हैं दो और भाई

बताया जा रहा है कि, मनीष के परिवार में देशसेवा की गौरवशाली परंपरा रही है। उनके दो अन्य भाई भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं। एक भाई उत्तराखंड में तैनात हैं, जबकि दूसरा गया में सेवा दे रहे हैं। सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि घटना की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। सेना द्वारा परिजनों को केवल शहादत की सूचना दी गई है, बाकी जानकारियां जल्द साझा की जाएंगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शोक जताया है। मुखिया दीपक कुमार ने मनीष को एक मिलनसार और हंसमुख स्वभाव का युवक बताया। सरपंच अराफात आलम, पूर्व जिला पार्षद नारायण स्वामी मोहन, प्रमुख प्रतिनिधि संजय यादव और पैक्स अध्यक्ष राहुल रत्नेश उर्फ मृत्युंजय सिंह ने भी गहरा दुख व्यक्त किया।

सारण के शहीद बीएसएफ जवान

ज्ञात हो कि, सबसे पहले बिहार के सारण जिले के निवासी बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में शहीद हो गए। सीमा पर ड्यूटी के दौरान उन्हें गोली लगी। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया। जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूरे इलाके में गमगीन माहौल रहा, लेकिन साथ ही शहीद के साहस पर गर्व भी था। सीएम नीतीश ने बीते दिन उनके परिजनों से मिलकर उन्हें 50 लाख का सहायता राशि सौंपी।  

शादी के 3 महीन बाद गई जान 

वहीं इस घटना के कुछ ही दिनों के बाद खबर मिली कि, सीवान जिले के रामबाबू सिंह के शहीद होने की खबर आई। रामबाबू बड़हरया प्रखंड के वसिलपुर गांव के निवासी थे और सेना की आरआइ ब्रिगेड में तैनात थे। सोमवार को पाकिस्तान द्वारा भेजे गए ड्रोन हमले को नष्ट करने के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए। S-400 मिसाइल सिस्टम की कार्रवाई के दौरान यह हादसा हुआ, जिसमें उनकी जान चली गई। बताया गया है कि शहीद रामबाबू की शादी महज 3 महीने पहले ही हुई थी और वे जल्द ही पिता बनने वाले थे। बुधवार यानी आज उनका पार्थिव शरीर उनके गांव लाया जाएगा। 

नालंदा के सिंकदर की शहादत 

नालंदा के लाल के शहीद होने की खबर भी बीते दिन सामने आई थी। शहीद बीएसएफ जवान नालंदा जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी के मोबइल नंबर पर मैसेज के द्वारा उनके पति की शहादत की खबर मिली जिसके बाद से ही परिजनों की रो रोकर बुरा हाल है। जानकारी अनुसार शहीद बीएसएफ जवान बिंद थाना क्षेत्र के उतरथू गांव निवासी हैं। सिकंदर राउत जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान वे घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। हालांकि, परिजनों को अब तक बीएसएफ की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। शहीद जवान की पत्नी को उनके ही मोबाइल नंबर से एक मैसेज आया, जिसमें शहादत की जानकारी दी गई थी। इसके बाद पत्नी ने कई बार मोबाइल पर कॉल किया। फोन की घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इस खबर के बाद से गांव में कोहराम मचा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।