Caste Census - जातीय गणना पर शुरू हुई क्रेडिट लेने की लड़ाई, लालू यादव ने कहा – 30 साल पहले हमारी सरकार ने लिया जातीय गणना कराने का फैसला
Caste Census - जातीय गणना कराने के फैसले को मंजूरी मिलने के बाद अब लालू यादव ने खुद इसका क्रेडिट लिया है। लालू यादव ने कहा कि 30 साल पहले उन्होंने इसकी मांग की थी

Patna -देश भर में जातीय गणना कराने के फैसले का जहां एनडीए के सभी घटक दलों ने स्वागत किया है। वहीं इस फैसले के बाद अब क्रेडिट लेने की लड़ाई भी शुरू हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है देश में 30 साल पहले संयुक्त मोर्चा की सरकार ने इस पर फैसला मंजूरी दे दी थी। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2001 की जनगणना में इस पर अमल नहीं किया है।
जातीय गणना के लिए लंबी लड़ाई
लालू यादव ने जातीय गणना कराने के फैसले को लेकर लिखा कि इसके लिए वह मुलायम सिंह यादव के साथ लंबे समय तक संघर्ष करते रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि 'मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया। 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार माँग उठाई।
मैंने, स्व॰ मुलायम सिंह जी, स्व॰ शरद यादव जी ने इस माँग को लेकर कई दिन संसद ठप्प किया और बाद में प्रधानमंत्री स्व॰ मनमोहन सिंह जी के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ।
जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की माँग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाक़ी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।'