बिहार में ग्रामीण इलाकों में सड़कों और पुलों की खराब स्थिति को लेकर सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पुल योजना के तहत पूरे राज्य में 5495 नए पुलों के निर्माण की अनुशंसा की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने विधान परिषद में बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 600 पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जबकि अगले वित्तीय वर्ष में 400 पुलों का निर्माण पूरा करने की योजना है।
अशोक चौधरी ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान कई इलाकों में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था, क्योंकि वहां बुनियादी सुविधाओं खासकर सड़कों और पुलों की भारी कमी थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार अब उन इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर पुलों और सड़कों के निर्माण पर काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आगामी चुनाव से पहले बिहार के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर हो।
इसके अलावा सरकार ने चुनाव से पहले सभी ग्रामीण सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का भी लक्ष्य रखा है। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "हमने तय किया है कि चुनाव से पहले हर हाल में राज्य की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत की जाएगी। कोई भी सड़क जर्जर नहीं रहने दी जाएगी।" इसके लिए अलग-अलग जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और समय पर मरम्मत का काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ग्रामीण सड़कों पर अतिक्रमण हटाने के लिए भी सख्त कदम उठाएगी। इसके लिए जल्द ही उच्च अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें अवैध अतिक्रमण हटाने की रणनीति तय की जाएगी। इससे न सिर्फ यातायात सुगम होगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में विकास की गति भी तेज होगी। बिहार सरकार की इस पहल से राज्य के लाखों ग्रामीणों को फायदा होगा। जहां एक ओर नए पुलों के निर्माण से सुदूर गांवों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, वहीं गड्ढा मुक्त सड़कें यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाएंगी। सरकार का मानना है कि सड़कों और पुलों की अच्छी स्थिति से न सिर्फ लोगों का जीवन आसान होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।