Five star hotel in patna - पटना में फाइव स्टार होटल के लिए तोड़ा जाएगा यह प्रसिद्ध होटल, तीन बड़े होटल चेन हैं दावेदार
Five star hotel in patna - पटना में तीन फाइव स्टार होटल का निर्माण किया जाना है। जिनमें एक होटल के निर्माण के लिए बड़े होटल को तोड़ा जाएगा। जिसकी जगह नया होटल बनेगा।

Patna - पटना में ताज होटल के शुरू होने के बाद फाइव स्टार होटल की संख्या बढ़ाने को लेकर बिहार सरकार गंभीर है। जिसके बाद अब आनेवाले सालों में कई फाइव स्टार होटल शुरू होनेवाले हैं। जिनकी शुरूआत पटना आयकर गोलंबर के पास स्थित होटल पाटलिपुत्र अशोक होटल से होगी। पटना के इस प्रमुख होटल को अब तोड़ने की तैयारी है। जिसकी जगह नया फाइव स्टार होटल बनाया बनाया जाएगा।
पर्यटन विभाग के अनुसार, होटल पाटलिपुत्र अशोक को तोड़कर वहां नए सिरे से फाइव स्टार होटल का निर्माण किया जाएगा। विभाग ने मेसर्स कुमार इंफ्राट्रेड एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड पटना को पांच सितारा होटल निर्माण के लिए चयनित करने के बाद लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी कर दिया है।
चयनित एजेंसी ने पर्यटन विभाग को सूचित किया है कि उन्होंने तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध 5 सितारा होटल ब्रांडों को होटल निर्माण हेतु सूचीबद्ध किया है। इन ब्रांड में जेडब्ल्यू मैरियट, हयात रीजेंसी तथा आईटीसी होटल शामिल है। इसमें जेडब्ल्यू मैरियट के नाम पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद ज्यादा है। 30-60 साल का होगा लीज
इसके विकास, संचालन और रखरखाव के लिए 60 वर्ष 30 वर्ष की अवधि के लिए लीज होल्ड अधिकार प्रदान किया गया है। चयनित एजेंसी को होटल पाटलिपुत्र अशोक, पटना की मौजूदा संरचना को ध्वस्त करना होगा और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुसार नए पांच सितारा होटल का निर्माण करना होगा।
एजेंसी होटल पाटलिपुत्र अशोक, पटना की भूमि पर न्यूनतम 100 कमरों वाले फाइव स्टार होटल संचालित करने के लिए उपरोक्त तीन ब्रांडों में से किसी एक को चयनित करेगी। बीरचंद पटेल पथ स्थित होटल पाटलिपुत्र अशोक की लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर नए पांच सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा।
150 दिनों के अंदर ब्रांड के साथ करना होगा अनुबंध
आरएफपी की शर्तों के अनुसार, चयनित एजेंसी को एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) की प्राप्ति की तारीख से 150 दिनों के भीतर एक प्रतिष्ठित पांच सितारा होटल ब्रांड के साथ ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट (ओएंडएम) हेतु अनुबंध फाइनल करना आवश्यक है। चयनित एजेंसी को 7.57 करोड़ रुपये का वार्षिक लीज प्रीमियम (करों और शुल्कों, जीएसटी आदि को छोड़कर) जमा करना होगा। यह वार्षिक लीज प्रीमियम राशि भी हर 5 साल में 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
28.5 करोड़ की राशि का करना होगा भुगतान
इसके अलावा, एजेंसी को 11 साल की अवधि में एमवीआर मूल्य यानी 28.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यदि यह राशि एकमुश्त दे दी जाती है तो यह ब्याजमुक्त होगी अन्यथा बकाया अग्रिम प्रीमियम राशि पर 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा।