मोकामा के मरांची हाई स्कूल में शैक्षणिक अराजकता, प्रधानाचार्य और शिक्षक पर गंभीर आरोप, पटना डीएम से शिकायत
पटना जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन के पास मोकामा के मरांची पंचायत के मुखिया गौरव कुमार ने मरांची हाई स्कूल में शैक्षणिक अराजकता को लेकर शिकायती पत्र भेजा है.
Bihar News : मोकामा प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय मरांची के प्रधानाचार्य मोहम्मद जुल्लाह एवं शिक्षक मुकेश पाण्डेय के खिलाफ ग्राम पंचायत राज मरांची उत्तरी की मुखिया गौरव कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में मुखिया ने जिलाधिकारी, पटना को लिखित शिकायत देकर जांच एवं कार्रवाई की मांग की है। मुखिया गौरव कुमार द्वारा दिए गए आवेदन में आरोप लगाया गया है कि विद्यालय में लंबे समय से शैक्षणिक माहौल पूरी तरह से खराब हो चुका है। छात्रों और ग्रामीणों की शिकायतों के अनुसार विद्यालय में नियमित पढ़ाई नहीं हो रही है, जिससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि प्रधानाचार्य स्वयं आज तक एक भी कक्षा नहीं लेते हैं, जिसके कारण अन्य शिक्षक भी पढ़ाने में रुचि नहीं दिखाते। वहीं शिक्षक मुकेश पाण्डेय पर आरोप है कि वे दादागिरी करते हैं और अब तक एक भी घंटी की पढ़ाई नहीं की है। इसके बावजूद वे जिला शिक्षा कार्यालय जाने के नाम पर पिछले करीब 20 दिनों से विद्यालय से अनुपस्थित बताए गए हैं।
आरोप यह भी है कि प्रधानाचार्य और संबंधित शिक्षक अपने चेम्बर में बैठे रहते हैं, जिससे छात्रों में अनुशासनहीनता बढ़ रही है। शिक्षक मुकेश पाण्डेय पर यह भी आरोप लगाया गया है कि वे अधिकतर दिनों में फर्जी हाजिरी बनाकर बीच में ही विद्यालय छोड़कर चले जाते हैं, जबकि अनुपस्थित रहने वाले दिन भी उपस्थिति दर्ज की जाती है। मुखिया ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों की उपस्थिति कम रहने के बावजूद उन्हें आगे की कक्षाओं में भेज दिया जाता है और प्रधानाचार्य की सह पर उपस्थिति पंजी में लगातार छेड़छाड़ की जा रही है।
शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख है कि जब इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना से दूरभाष पर बात की गई तो प्रधानाचार्य ने फोन लेते हुए मुखिया से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि “आप विद्यालय परिसर में कैसे घुस गए।”अंत में मुखिया गौरव कुमार ने जिलाधिकारी से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर प्रधानाचार्य मोहम्मद जुल्लाह एवं शिक्षक मुकेश पाण्डेय के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके।