Bihar Teacher News: ACS एस. सिद्धार्थ ने DEO ऑफिस में फोन कर किया गजब खेला ! पकड़ लिया शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा गड़बड़झाला

Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसीएस एस सिद्धार्थ का एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर एस सिद्धार्थ ने कई गड़बड़झाला को पकड़ लिया है।

ACS S Siddharth
ACS S Siddharth- फोटो : social media

Bihar Teacher News: सबका हालात खराब है...किसी को कोई फायदा नहीं मिल रहा है..पहले सबका अच्छा कमाई हो जाता था...ये कहना है डीईओ ऑफिस के क्लर्क का। शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने ऐसा तोड़ निकाला है कि किसी भी डीईओ को पता नहीं चल रहा है कि वो किस शिक्षक की ट्रांसफर पोस्टिंग कर रहे हैं। जिससे पैसे लेकर तबादला करने का भ्रष्ट अधिकारियों के पास कोई मौका नहीं मिल रहा है। वहीं अपने इस निर्णय का जायजा खुद एसीएस एस सिद्धार्थ ने लिया है। एसीएस एस सिद्धार्थ ने डीईओ के क्लर्क को फोन मिलाया और तबादले के लिए जारी किए गए आदेश को लेकर क्लर्क से पूछताछ की। इस दौरान क्लर्क ने एसीएस सिद्धार्थ को कई जानकारी दी। जिसका ऑडियो भी सामने आया है। वायरल ऑडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें एस सिद्धार्थ ने तबादला के नाम पर होने वाले लेन-देन का राज जानने के लिए फोन किया था।  

ऑडियो हो रहा वायरल 

ऑडियो में डीईओ का क्लर्क कह रहा है कि, सबका हालात खराब है। किसी को कोई फायदा नहीं मिल रहा है..पहले सबका अच्छा कमाई हो जाता था। एस सिद्धार्थ ने पूछा कि किसका डीईओ का ? तो सामने से जवाब मिला हां वही...। क्लर्क ने आगे कहा कि इतना सख्ती कर दिया गया है, पहले जैसा व्यवस्था नहीं है। अब है कि काम करता है तो ये लोग करता है..ऊपरी कुछ नहीं हो पाएगा।

एस सिद्धार्थ के सामने खुला राज

जिसके बाद एसीएस एस सिद्धार्थ ने पूछा कि लॉनिंग आईडी से कुछ पता नहीं चल रहा है तो क्लर्क ने कहा कि, हां लॉनिंग आईडी में ना नाम पता चल रहा है ना आईडी पता चल रहा है, मोबाइल नंबर भी पता नहीं चल रहा है कि कोई किसी के बारे में जानकारी ले सके। जिसके बाद एस सिद्धार्थ ने पूछा कि..इसलिए सब डीईओ का मुंह उतर गया है? तो क्लर्क ने कहा कि, हां सबका मुंह उतर गया है। आगे क्लर्क कहता है कि  खबर यही है..सब परेशान हैं... सबका परेशानी और बढ़ गया जब स्वतः विरमण शुरु हो गया है। यहां से कोई इधर उधर करता तो एक मोटा टर्नओवर हो जाता तो अब वो भी खत्म हो गया। 

बड़का साहब सब बंद कर दिए हैं...

क्लर्क ने आगे कहा कि, बड़का साहब(एस सिद्धार्थ) बुद्धि लगाकर सब बंद कर दिए है, ट्रांसफर किसका हो जा रहा है पता ही नहीं है चल रहा है.. देखिए 15 तक क्या होता है? सब डीईओ तो परेशान है। जिसके बाद एस सिद्धार्थ कहते हैं कि चलिए क्या करिएगा सबका वक्त आता है। तो क्लर्क कहता है कि डीईओ साहब वर्मा जी जेल चले गए। वहीं इसके बाद एस सिद्धार्थ कहते हैं कि कितनी बड़ी संख्या में ट्रांसफर साफ सफाई से संभव नहीं था, लेकिन देखिए कितनी सफाई से ट्रांसफर हो रहा है। क्लर्क कहता है कि अगली परीक्षा यही है कि 15 तक हो जाए और 23 तक सब ज्वाइनिंग कर लें.. देखिए अब क्या होता है। 

 शिक्षकों के तबादले में नहीं हो रहा घोटाला 

एस सिद्धार्थ इस दौरान कहते हैं कि अगर शिक्षकों का तबादला सही से हो जाता है तो सब शिक्षक उनको(एस सिद्धार्थ) हीरो बना देगा, पता नहीं चल रहा है घुसखोरी नहीं हो रहा। तो क्लर्क कहता है कि हां यह तो है मोबाइल नंबर का भी लास्ट का 3 से 4 डिजिट पता चल रहा है। यही बढ़िया है इतना बड़ा ट्रांसफर में कोई सोचा था बिना पैसे का होगा? इसके बाद दोनों की बातचीत खत्म हो जाती है। 

पोस्टिंग प्रक्रिया कैसे हो रही

दरअसल, डीईओ के पास शिक्षकों से जुड़ा कोई भी जानकारी नहीं आ रहा है बल्कि एक कोड के आधार पर वो ट्रांसफर किया जाएगा। एक बार में एक शिक्षक की जानकारी ही दिखाई जाएगी, और जब तक उसके आवेदन का निपटारा नहीं होगा, अगला आवेदन नहीं खुलेगा। हर शिक्षक ने 10 पंचायत विकल्प चुने हैं। डीईओ उन्हीं पंचायतों में रिक्त पदों के अनुसार आवंटन करेंगे। अगर विकल्प में रिक्ति न हो तो निकटतम पंचायत का विद्यालय आवंटित किया जाएगा। डीईओ आवेदन को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं इसलिए हर आवेदन पर निर्णय अनिवार्य है।