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बिहार में 28 लाख सिम बंद होने के बाद पौने 2 लाख सिम वालों के लिए यूनिक रजिस्ट्रेश होगा,कैसे जान लीजिए..आप कैसे कर पाएंगे...

साइबर अपराधी एक ही व्यक्ति के नाम पर कई सिम कार्ड लेकर ठगी करते थे। इसलिए 28 लाख सिम बंद होने के बाद पौने 2 लाख सिम वालों के लिए यूनिक रजिस्ट्रेश होगा....

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2 लाख सिम वालों के लिए यूनिक रजिस्ट्रेश- फोटो : social Media

बिहार में 28 लाख सिम के बंद होने के बाद पौने 2 लाख सिम धारकों के लिए यूनिक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत सिम विक्रेता का यूनिक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जिसके बाद केवल उन्हीं विक्रेताओं को सिम बेचने का अधिकार प्राप्त होगा। साइबर अपराधी एक ही व्यक्ति के नाम पर कई सिम कार्ड लेकर ठगी करते थे। इसलिए सरकार ने सिम कार्ड की संख्या सीमित कर दी है। पहले कोई सीमा नहीं थी, जिसका फायदा अपराधी उठा रहे थे। अब उम्मीद है कि इस कदम से साइबर अपराध कम होगा। दूर संचार विभाग समय-समय पर सिम विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन करेगा। यदि किसी विक्रेता के स्थान पर कोई और व्यक्ति पाया गया, तो उसे ब्लैकलिस्ट करने की व्यवस्था भी की गई है।

बता दें रसंचार विभाग ने साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया है। बिहार में 27.55 लाख लोगों के पास 9 से ज्यादा सिम कार्ड हैं। ऐसे लोगों को 3 महीने का वक्त दिया गया है। इस दौरान उन्हें 9 सिम चुनने होंगे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनका 10वां सिम बंद कर दिया जाएगा। ये नियम सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के सिम कार्ड पर लागू होगा। वहीं सिम बेचने के नियमों में संशोधन किया गया है, जिसके अंतर्गत सभी सिम विक्रेताओं का यूनिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इसमें सभी कंपनियों के विक्रेता शामिल होंगे और उन पर निगरानी रखी जाएगी।सिम विक्रेताओं को अब फर्जी सिम बेचने की अनुमति नहीं होगी। गलत दस्तावेजों पर सिम बेचने को रोकने और उन पर निगरानी रखने के लिए सिम विक्रेताओं का एक अद्वितीय रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसमें राज्य के 1.75 लाख सिम विक्रेता शामिल होंगे।

 पहले हर कंपनी के अपने-अपने सिम विक्रेता होते थे, और संबंधित कंपनी ही उन पर निगरानी रखती थी। अब इसमें बदलाव किया गया है। सभी सिम विक्रेताओं को दूर संचार विभाग के अद्वितीय रजिस्ट्रेशन से जुड़ना अनिवार्य होगा। इसके बाद, दूर संचार विभाग एक साथ सभी विक्रेताओं पर निगरानी रख सकेगा।

दूरसंचार विभाग ने बताया कि पहले सिम कार्ड इस्तेमाल करने की कोई सीमा नहीं थी। लेकिन साइबर अपराधी इसका गलत इस्तेमाल करने लगे। वे एक ही नाम पर कई सिम लेकर साइबर ठगी करते थे। इसलिए सरकार ने शिकंजा कस दिया है। यदि सिम विक्रेता किसी को सिम बेचेगा, तो सबसे पहले उसके आईडी का सत्यापन किया जाएगा। इसमें सिम विक्रेता की तस्वीर और आधार नंबर के साथ सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद ही उपभोक्ता का सत्यापन सिम विक्रेता के माध्यम से किया जाएगा।

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