'भारत में कटुता का बीज बोने के लिए पहलगाम की घटना को अंजाम देने वाले नहीं होंगे सफल',अरिस्टो के एमडी भोला बाबू ने भारत सरकार के सख्त निर्णयों को सराहा

Aristo MD Bhola Babu
Aristo MD Bhola Babu- फोटो : news4nation

Pahalgam terrorist attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के लिए उठाए गए प्रयासों की अरिस्टो के एमडीअरिस्टो फार्मा कंपनी के प्रबंध निदेशक उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना देश की सुरक्षा और संप्रभुता को दुश्मन द्वारा दी गई खुली चुनौती है. ऐसे में भारत सरकार ने अब जो कदम उठाये हैं वह समय अनुरूप बेहद जरूरी है. भारत में धर्म के नाम पर हिंसा का कोई स्थान नहीं है. लेकिन आतंक के नाम पर देश में कटुता का बीज बोने के लिए पहलगाम की घटना को अंजाम दिया गया. 


उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता के निलंबन का फैसला बेहद जरूरी है. वे हमारे नागरिकों का खून बहाएं और हम उन्हें जिंदा रखने के लिए पानी पिलाएं यह एक साथ नहीं हो सकता. इसलिए भारत सरकार ने बिलकुल सही फैसला लिया है. सिंधु का एक एक बूंद पानी भारत में रहना चाहिए. भले ही इसे पूरी तरह से क्रियान्वित करने में कुछ समय लगेगा लेकिन एक सख्त कदम की शुरुआत हुई है. यह जल्द ही बड़े स्तर पर फलीभूत होगा. आतंकियों के खिलाफ भारत की यह सबसे बड़ी जीत होगी. इससे कुटनीतिक रूप से पाकिस्तान के अंदर ही आतंक परस्तों पर दबाव बनाने में भारत कामयाब होगा.  


आतंकियों को देना होगा मुंहतोड़ जवाब

भोला बाबू ने कहा कि पहलगाम की घटना हमारे लिए एक सबक भी है. आतंक की इस घटना के देश के हर नागरिक को झकझोर दिया है. ऐसे में जरूरी है कि आतंक को सर्मथन देने वाले सीमा पार और देश के भीतर मौजूद तत्वों के खिलाफ केंद्र सरकार और ज्तयादा सख्त कदम उठाए. आतंकियों को ऐसी सजा मिले जिसके बाद भारत की ओर नजर उठाकर कोई भी दुश्मन देखने की ना सोचे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार की धरती से आतंक के खिलाफ दिए सख्त संदेश का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार हमेशा ही नए बदलाव की जमीन रहा है. पीएम मोदी ने बिहार से अब आतंक के खिलाफ नई लड़ाई का ऐलान किया है जो जल्द ही सफल होगा. 

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सबके सहयोग से राष्ट्रनिर्माण

उन्होंने कहा कि देश की एकता और सम्प्रभुता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. ऐसे में भारत के भीतर विभाजन की सोच रखने वालों को हम अपनी एकता से करार जवाब दे सकते हैं. सबके सहयोग से ही राष्ट्रनिर्माण संभव है. ऐसे में जरूरी है कि जो लोग पहलगाम की घटना के नाम पर देश को बांटने की कुल्सित सोच रखते हैं उन्हें देश का हर वर्ग एकजुटता के साथ सामने आकर जवाब दे.

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