बिहार में एड्स का कहर, बढ़ते आंकड़ों से हिला स्वास्थ्य तंत्र, गांव-शहर तक फैलने का ये है कारण, रहें सावधान

Bihar HIV cases: बिहार में एड्स ने एक बार फिर दस्तक नहीं, बल्कि जोरदार हथौड़ा मार दिया है। तेज़ी से बढ़ते संक्रमण के आंकड़ों ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

AIDS Surge Alarms Bihar
बिहार में बढ़ रहा एड्स का कहर- फोटो : social Media

Bihar HIV cases:बिहार में एड्स ने एक बार फिर दस्तक नहीं, बल्कि जोरदार हथौड़ा मार दिया है। तेज़ी से बढ़ते संक्रमण के आंकड़ों ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित कैसे हो गए। इस बढ़ते ख़तरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है और शहरी इलाकों से लेकर दूर-दराज़ के गांवों तक जागरूकता मुहिम को तेज़ी से फैलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जल्द ही कैंप लगाए जाएंगे, जहां लोगों को सावधानी, संक्रमण के तरीकों और समय पर जांच कराने की जानकारी दी जाएगी।

विशेषज्ञों की मानें तो अगर समाज में जागरूकता नहीं आई, तो आने वाला वक्त और भी खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने जिला अस्पतालों के एआरटी सेंटरों के जरिए जागरूकता कार्यक्रमों को और तेज़ करने का फैसला लिया है। गांव-गांव जाकर HIV टेस्ट कराए जाने की भी तैयारी है, ताकि जल्द से जल्द संक्रमित लोगों का पता लगाया जा सके।

बनमनखी से मिल रही रिपोर्ट और अधिक चिंता बढ़ाने वाली है। यहां परदेस से लौट रहे मजदूर अपनी ही पत्नियों को एड्स बांट रहे हैं। महिलाओं में संक्रमण का ग्राफ पुरुषों से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है, जो विभाग के लिए बड़ा संकेत है। इस साल अब तक 14 लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें 8 महिलाएं और 2 गर्भवती शामिल हैं। सभी को काउंसलिंग के बाद पूर्णिया एआरटी सेंटर भेजा गया है।

सबसे भयावह तस्वीर सीतामढ़ी से सामने आई है, जहां एचआईवी संक्रमितों का आंकड़ा 7000 के पार पहुंच चुका है। इनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें यह बीमारी मां-बाप से विरासत में मिली है। एआरटी सेंटर में हर महीने 40 से 60 नए मरीज रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, जिससे यह प्रदेश का हाई-लोड सेंटर बन चुका है। आंकड़ों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में सनसनी फैल गई है।

अधिकांश संक्रमित पुरुष मजदूर वर्ग से आते हैं, जो बाहर रहकर दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं और जानकारी के अभाव में असुरक्षित यौन संबंधों का शिकार बन जाते हैं। वहीं महिलाओं का संक्रमित होना और ज्यादा गंभीर है, क्योंकि समय पर जांच न होने पर यह संक्रमण आगे फैलने का खतरा और बढ़ा देता है। संक्रमित सीरिंज, दूषित रक्त और गर्भवती मां से बच्चे तक ये सभी एड्स फैलने के बड़े कारण हैं। बिहार के लिए यह रेड अलर्ट की स्थिति है। जागरूकता ही इस बढ़ते खतरे को रोकने की सबसे बड़ी कुंजी है।