IGIMS Patna: IGIMS ने रचा इतिहास! एक ही ऑपरेशन में दो अंगों के कैंसर को सफलतापूर्वक

IGIMS Patna: IGIMS की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम ने दो अलग-अलग अंगों में फैले कैंसर का एक साथ ऑपरेशन कर बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की। आयुष्मान भारत के तहत मरीज को मुफ्त इलाज मिला। पढ़ें पूरी कहानी।

IGIMS Patna
IGIMS ने रचा इतिहास! - फोटो : social media

IGIMS Patna: पटना स्थित IGIMS (इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान) ने चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। संस्थान के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने एक ऐसे मरीज की सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है जिसके दो अलग-अलग अंगों—मैक्सिला (ऊपरी जबड़ा) और किडनी—में कैंसर फैला हुआ था। यह उपलब्धि न सिर्फ उन्नत चिकित्सा क्षमताओं की मिसाल है, बल्कि गंभीर कैंसर रोगियों के लिए एक नई उम्मीद भी लेकर आई है।इस अनोखे केस की सफलता ने साबित कर दिया कि IGIMS अब उन दुर्लभ और जटिल सर्जरी में भी अग्रणी है, जिन्हें सामान्यतः कई चरणों में पूरा किया जाता है।

मरीज की गंभीर स्थिति

नवादा जिले के 56 वर्षीय मरीज को पिछले तीन महीनों से मुंह के कैंसर का इलाज बाहर चल रहा था। लेकिन उपचार प्रभावी नहीं होने के कारण कैंसर उन्नत अवस्था में पहुंच चुका था। इसी दौरान मरीज IGIMS के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग पहुंचे, जहां अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ. शशि सिंह पवार ने उनके मामले की जांच की।जांच में यह सामने आया कि मरीज के बाएं मैक्सिला क्षेत्र में कैंसर के साथ-साथ दाईं किडनी में भी दूसरा प्रकार का कैंसर विकसित हो चुका है।बायोप्सी रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों कैंसर पूरी तरह अलग-अलग प्रकृति के हैं, जिससे मामला और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया।

आयुष्मान भारत के तहत मिला मुफ्त इलाज

मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए IGIMS ने उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत भर्ती किया, जिससे पूरे उपचार का खर्च पूरी तरह निशुल्क हुआ।यह पहल इस बात का उदाहरण है कि आधुनिक और जटिल सर्जरी अब केवल बड़े निजी केंद्रों तक सीमित नहीं है—सरकारी चिकित्सा संस्थान भी इसे उत्कृष्ट तरीके से पूरा कर रहे हैं।

डॉक्टरों ने लिया बड़ा निर्णय

स्थिति बेहद जटिल होने के बावजूद IGIMS की टीम ने साहसिक निर्णय लेते हुए दोनों कैंसरों को एक ही ऑपरेशन में हटाने का फैसला किया।करीब चार घंटे तक चली इस सर्जरी में न सिर्फ मैक्सिला का प्रभावित हिस्सा हटाया गया, बल्कि मरीज की जटिल प्लास्टिक सर्जरी भी की गई ताकि चेहरे की संरचना सुरक्षित रह सके। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर बताई गई है और वह तेजी से स्वस्थ हो रहा है।

सर्जरी करने वाली टीम

इस उपलब्धि के पीछे IGIMS की कई टीमों का सहयोग रहा।सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार, रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. सुधीर, डॉ. प्रभजोत, डॉ. हार्दिक और डॉ. बी. शर्मा ने ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निश्चेतना विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के. दुबे और डॉ. अनन्तु की टीम का योगदान भी अहम रहा। नर्सिंग स्टाफ में सिस्टर मंजुला, ब्रदर शैलेश और सचिन ने पूरा सहयोग दिया।