Bihar News: आज से स्कूलों में ऑटो-रिक्शा का परिचालन बंद, पटना के 4000 स्कूल के लाखों बच्चों पर होगा असर, पकड़े गए तो...
Auto E-rickshaws Ban: आज यानी 1 अप्रैल से ऑटो-रिक्शा के स्कूलों में परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। आज से कोई भी स्कूली बच्चे ऑटो या ई रिक्शा से स्कूल नहीं जाएंगे। अगर जाते हैं तो फिर उन बड़ी कार्रवाई की जाएगी....

Auto E-rickshaws Ban: बिहार में 1 अप्रैल यानी आज से स्कूली बच्चे ऑटो में बैठे नहीं दिखेंगे। ऑटो या ई रिक्शा पर बच्चों लाने ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दी गई है। इसके लिए बीते दिन ही आदेश जारी कर दिया गया है। अगर ऑटो और ई-रिक्शा वाले इस आदेश को नहीं मानते हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात प्रभाग ने राज्यभर के सभी जिलों में स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा के उपयोग पर 1 अप्रैल 2025 से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद आज से ऑटो रिक्शा पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है।
आज से लगा प्रतिबंध
बता दें कि, राज्य में लगातार बढ़ रही ऑटो दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग और प्रशासन ने 1 अप्रैल से स्कूली बच्चों को ऑटो से लाने-ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में मंगलवार को पटना डीटीओ, ट्रैफिक एसपी और संबंधित विभागों के अधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें इस नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया गया।
4000 ऑटो पर लगेगा प्रतिबंध
वर्तमान में पटना और आसपास के क्षेत्रों में करीब 4,000 ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में लगे हैं। पटना नगर निगम क्षेत्र में करीब 1,000 ऑटो बच्चों को स्कूल लाते-जाते हैं। शेष 3,000 ऑटो ग्रामीण और प्रखंड क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। अब इन सभी ऑटो को स्कूली बच्चों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा प्रतिबंध
इस प्रतिबंध के तहत पटना नगर निगम, नगर परिषद और जिले के सभी प्रखंडों व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित निजी स्कूल ऑटो सेवा का उपयोग नहीं कर सकेंगे। यदि किसी स्कूल या चालक को स्कूली बच्चों को ऑटो में ले जाते हुए पकड़ा गया, तो प्रशासन द्वारा सीधे कार्रवाई की जाएगी। नियम तोड़ने पर ऑटो चालक का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और वाहन जब्त किया जाएगा।
खराब स्थिति में चलते थे ऑटो
पटना के डीटीओ उपेंद्र पाल ने बताया कि स्कूली बच्चों को क्षमता से अधिक ऑटो में बैठाया जाता था, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता था। ग्रामीण इलाकों में कई ऑटो बेहद जर्जर हालत में हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और अधिक हो गई थी। अब प्रशासन नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम
पुलिस मुख्यालय के यातायात प्रभाग को सूचना मिली थी कि राज्यभर में अब भी बड़ी संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा का उपयोग स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए किया जा रहा है। क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इसी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। मुख्यालय ने कहा है कि सभी जिलों में पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर सख्ती से कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। इसके अलावा, अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और ट्रांसपोर्ट एजेंसियों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि कोई यह दावा न करे कि उसे इस आदेश की जानकारी नहीं थी।
पटना समेत पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर असर
सरकार के इस फैसले का असर राजधानी पटना समेत राज्यभर में बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा। फिलहाल पटना में 4000 से अधिक ऑटो-ई रिक्शा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने का काम करते हैं। पटना के डीटीओ उपेंद्र कुमार पाल ने 21 जनवरी को बताया था कि ऑटो और ई-रिक्शा बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। पटना ट्रैफिक एसपी ने भी ऑटो-ई रिक्शा के माध्यम से बच्चों को स्कूल ले जाना अवैध करार दिया था।
आदेश के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
1 अप्रैल के बाद यदि किसी स्कूल वाहन में ऑटो या ई-रिक्शा का उपयोग बच्चों के परिवहन के लिए होता है, तो परिवहन विभाग और यातायात पुलिस द्वारा उन वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियम तोड़ने वाले चालकों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और वाहन जब्त किए जा सकते हैं।
आदेश का हवाला
यातायात पुलिस निरीक्षक द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि बिहार सरकार द्वारा स्कूली बच्चों के परिवहन में ऑटो-ई रिक्शा का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। परिवहन विभाग की अधिसूचना संख्या-06/विविध (इं. रिक्शा)-07/2015 के तहत स्कूली बच्चों के परिवहन में ई-रिक्शा का उपयोग अवैध घोषित किया गया है। इस आदेश को लेकर 21 जनवरी 2025 को अखबारों में भी विस्तृत सूचना प्रकाशित की गई थी।
बिहार पुलिस का निर्देश
सभी एसपी और एसएसपी को अपने-अपने जिलों में स्कूलों के बाहर औचक जांच करने का निर्देश दिया गया था। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को इस आदेश की जानकारी देने के लिए प्रचार अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन का मानना है कि ऑटो और ई-रिक्शा में अति भार और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब इस तरह के वाहनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।