Bihar News: बिहार की प्राचीन धरोहरों के विकास में तेजी लाई गई है। बिहार में प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहरों का संवर्धन और हरिहरनाथ क्षेत्र सोनपुर में एक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। बिहार सरकार द्वारा केंद्र सरकार को इस बाबत प्रस्ताव भेजा गया है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय, जो भागलपुर जिले में स्थित है, एक प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालय था जो 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच विद्या का केंद्र रहा। यह बौद्ध शिक्षा और संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थल था। इसके खंडहरों को संवारा जाना न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।
सोनपुर में बाबा हरिहरनाथ क्षेत्र को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस विकास के अंतर्गत हाट बनाने, भव्य प्रवेश द्वार स्थापित करने, और अन्य जनसुविधाओं को विकसित करने की योजना शामिल है। इससे सोनपुर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और मेला अवधि के बाद भी पर्यटकों की आमद जारी रहेगी।हरिहर क्षेत्र (सोनपुर) में हाट बनाने की भी योजना है। वहीं, बाबा हरिहरनाथ क्षेत्र को काशी कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इसके अध्ययन की जिम्मेदारी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मुख्य परामर्शी एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजेंट प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को सौंपी गई है।इस परियोजना में डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने की योजना भी शामिल है ताकि पर्यटकों को जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। इसके साथ ही वर्चुअल दर्शन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी जिससे लोग दूर से ही बाबा हरिहरनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
बता दें कि सोनपुर में गज-ग्राह की एक महत्वपूर्ण लड़ाई हुई थी, जिसमें भगवान विष्णु ने गज की रक्षा की थी। कार्तिक माह में पशु मेले के दौरान, विश्वभर से पर्यटक यहां आते हैं। कॉरिडोर के निर्माण और क्षेत्र के विकास के कारण, मेले के बाद भी पर्यटकों की आमद जारी रहेगी। राज्य सरकार ने सोनपुर हाट के लिए 24.41 करोड़ और विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण हेतु 22.40 करोड़ का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। सोनपुर कॉरिडोर की रिपोर्ट आने के बाद वहां की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी।
बिहार सरकार ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए 22.40 करोड़ रुपये और सोनपुर हाट के लिए 24.41 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा, पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय में प्रदर्शनी गैलरी, रिसोर्स सेंटर, विजिटर सेंटर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।यहां एक प्रदर्शनी गैलरी स्थापित की जाएगी, जिसमें विभिन्न रिप्लिकाएं प्रदर्शित की जाएंगी। रिसोर्स सेंटर, विजिटर सेंटर और अन्य जनसुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही परिसर में पौधरोपण की योजना भी बनाई गई है। प्राचीन विश्वविद्यालय के महत्व को उजागर करने के लिए इसके प्रचार-प्रसार हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे। यहां के गाइड और टूर ऑपरेटरों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
यहीं नहीं पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर की तर्ज पर राज्य के छह अन्य प्रमंडलीय मुख्यालय वाले शहरों में सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक लाइट लगाया जाएगा। राज्य कैबिनेट ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 487 करोड़ की राशि भी स्वीकृत हुई है।जिन शहरों में ट्रैफिक लाइट और कैमरे लगाए जाएंगे, उनमें दरभंगा, गया, पूर्णिया, सहरसा, मुंगेर और छपरा शामिल हैं।