Bihar Political Donation: बिहार में नीतीश- चिराग की पार्टी को मिला रिकॉर्ड चुनावी चंदा, जदयू और लोजपा (रा) सबसे आगे

Bihar Political Donation: बिहार में राजनीतिक दलों को मिले चुनावी चंदे में बड़ा उछाल देखने को मिला है। जदयू और लोजपा (रामविलास) को रिकॉर्ड फंडिंग हुई है। वहीं भाजपा की कमाई बढ़ी। हालांकि, कांग्रेस को झटका लगा है।

Bihar Political Donation
रिकॉर्डतोड़ चंदे की बारिश!- फोटो : social media

Bihar Political Donation: बिहार में राज्य की राजनीति में पैसों की भूमिका साफ दिखाई देने लगी है। चुनाव आयोग को सौंपी गई वित्तीय रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में बिहार से जुड़े राजनीतिक दलों को मिलने वाला चुनावी चंदा पिछले साल की तुलना में कई गुना बढ़ गया है।इस बार कॉरपोरेट संस्थानों, इलेक्टोरल ट्रस्ट और व्यक्तिगत दानदाताओं ने उन दलों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है, जिनकी सत्ता या गठबंधन में मजबूत मौजूदगी मानी जा रही है।

जदयू को मिला अब तक का सबसे बड़ा चंदा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के लिए यह साल फंडिंग के लिहाज से बेहद खास रहा। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में जदयू को जहां करीब 1.8 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 18.7 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस तरह पार्टी की आय में करीब दस गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो बिहार की राजनीति में बड़ा संकेत माना जा रहा है।

लोजपा (रामविलास) की फंडिंग में चौंकाने वाला उछाल

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को इस बार सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। पिछले साल पार्टी को सिर्फ करीब 12 लाख रुपये का चंदा मिला था, लेकिन 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 11 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया।इस भारी उछाल को आगामी चुनाव में पार्टी की बढ़ती राजनीतिक अहमियत से जोड़कर देखा जा रहा है।

वाम दलों और अन्य पार्टियों की स्थिति

भाकपा (माले) को मिलने वाले चंदे में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। पार्टी को 2024-25 में करीब 49 लाख रुपये का योगदान मिला, जिसमें बड़ा हिस्सा मौजूदा और पूर्व विधायकों का रहा।वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को इस वित्तीय वर्ष में बिहार से कोई भी चंदा दर्ज नहीं हुआ। राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी ने अभी तक अपने चंदे का विवरण चुनाव आयोग को जमा नहीं कराया है।

राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की कमाई बढ़ी, कांग्रेस पिछड़ी

अगर राष्ट्रीय दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक स्थिति और मजबूत हुई है। 2023-24 में जहां भाजपा को लगभग 3967 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर करीब 6654 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।इसके उलट कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी को पिछले साल 522 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला था, लेकिन इस साल उसकी आय में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

जदयू और लोजपा को इलेक्टोरल ट्रस्ट का बड़ा सहारा

चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि जदयू को सबसे ज्यादा रकम इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए मिली है। प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन जैसे ट्रस्ट जदयू के बड़े दानदाता रहे हैं। कुल मिलाकर पार्टी को 60 से ज्यादा संस्थाओं से आर्थिक मदद मिली।लोजपा (रामविलास) को भी प्रमुख इलेक्टोरल ट्रस्ट, निजी कंपनियों और पार्टी से जुड़े सांसदों से बड़ा योगदान प्राप्त हुआ।