Bihar Election 2025: बिहार में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी करने वाले हैं बड़ा खेला! महागठबंधन के साथ मिलकर करने वाले हैं ये काम

Bihar Election 2025: असदुद्दीन ओवैसी ने 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि AIMIM का लक्ष्य बिहार में BJP और NDA की सत्ता में वापसी रोकना है।

Bihar Election 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Election 2025: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक साझेदारी की इच्छा जताते हुए राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। ओवैसी ने कहा कि AIMIM महागठबंधन में शामिल होकर BJP और NDA की सत्ता में वापसी को रोकना चाहती है।उन्होंने यह भी दोहराया कि 2020 में भी AIMIM ने महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त वार्ता सफल नहीं हो सकी।

हम फिर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर बात नहीं बनी तो अकेले लड़ेंगे" — ओवैसी

ओवैसी ने Times of India को दिए गए इंटरव्यू में साफ किया कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने RJD और कांग्रेस नेताओं से फिर बातचीत की है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमारा मकसद NDA को रोकना है, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा अगर बात नहीं बनी तो हम सीमांचल और उससे बाहर के क्षेत्रों में अकेले चुनाव लड़ेंगे। मैं खुद भी हर क्षेत्र से लड़ने को तैयार हूं।यह बयान स्पष्ट रूप से बताता है कि AIMIM महागठबंधन में शामिल होने के लिए इच्छुक जरूर है, लेकिन मजबूर नहीं।

AIMIM की मजबूत पकड़ और भविष्य की संभावनाएं

AIMIM की राजनीतिक पकड़ सीमांचल क्षेत्र (किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार आदि) में अधिक है।2020 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सीमांचल की 5 सीटों पर जीत दर्ज की (हालांकि बाद में टूट-फूट से आंकड़ा घटा) और RJD-कांग्रेस गठबंधन को मुस्लिम वोटों में सेंध लगाकर बड़ा नुकसान पहुंचाया।2025 के चुनाव में सीमांचल की रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई है, और यही वजह है कि AIMIM बार-बार इस क्षेत्र पर फोकस कर रही है।

अख्तरुल ईमान का बयान: "RJD और कांग्रेस से संवाद चल रहा है"

AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान, जो पार्टी के एकमात्र विधायक भी हैं ने कहा कि हमने महागठबंधन के नेताओं से संपर्क किया है और उन्हें स्पष्ट संदेश दिया है कि AIMIM सिर्फ चुनाव लड़ने नहीं, बल्कि NDA को हराने के उद्देश्य से साथ आना चाहती है। यह बयान AIMIM की राजनीतिक परिपक्वता और रणनीतिक सोच को दर्शाता है, जो गठबंधन की राजनीति में उनकी भूमिका को अहम बनाता है।

महागठबंधन के लिए क्या है चुनौती?

महागठबंधन की प्रमुख पार्टियां – RJD, कांग्रेस, वाम दल – इस समय NDA के खिलाफ एकजुट रणनीति बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन AIMIM को साथ लेना एक तरफ सीमांचल में वोट बैंक को मजबूत कर सकता है तो दूसरी ओर ध्रुवीकरण और विपक्षी मतों के बंटवारे की आलोचना को भी बढ़ावा दे सकता है।RJD और कांग्रेस के सामने यह सवाल बड़ा है कि क्या AIMIM को साथ लेकर राजनीतिक फायदा मिलेगा या नुकसान?