Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पर मचा बवाल, प्रशांत किशोर ने कर दी ये बड़ी मांग
Prashant Kishor: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पर मचा बवाल। प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की और तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। जानिए पूरी राजनीतिक पृष्ठभूमि।

Prashant Kishor: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले, चुनाव आयोग की तरफ से मतदाता सूची के पुनरीक्षण के फैसले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रशांत किशोर, जो जन सुराज आंदोलन के संस्थापक हैं और एक चर्चित राजनीतिक रणनीतिकार रहे हैं, ने इस प्रक्रिया को लेकर गंभीर आशंकाएं जताई हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज के कई वर्गों के लोगों को डर है कि चुनाव आयोग द्वारा की जा रही प्रक्रिया के कारण 15-20% लोगों के नाम मतदाता सूची से कट सकते हैं। उनका सवाल था कि यह काम क्यों किया जा रहा है?यह प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है?कौन जोड़ रहा है, कौन हटा रहा है, यह रोजाना सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के लोकतंत्र में मतदाता सूची की शुद्धता ही चुनाव की विश्वसनीयता की आधारशिला मानी जाती है।
प्रशांत किशोर का आरोप
हालांकि प्रशांत किशोर ने सीधे तौर पर किसी समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन 15-20% नाम कटने की संभावना बताना बहुत बड़ी चेतावनी है। यह संख्या लाखों में जाती है और यदि यह आशंका सही साबित होती है तो इससे राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकते हैं। धार्मिक, जातीय और वर्गीय असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। चुनाव की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं। चुनाव आयोग के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित करे।
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला
प्रशांत किशोर ने केवल चुनाव आयोग को नहीं, बल्कि विपक्ष के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब उनके माता-पिता 15 साल तक मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने बिहार के लिए क्या किया? जब वे खुद 3 साल तक उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने क्या किया?” उन्होंने सीधे-सीधे यह आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव केवल लोकलुभावन घोषणाएं करते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं करते। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनता अब मूर्ख नहीं है और वह इस बार नेताओं की बयानबाज़ी नहीं, काम का हिसाब मांगेगी।
बिहार की राजनीतिक स्थिति: चुनावी बिसात और जनभावना
बिहार में राजनीतिक परिदृश्य हर चुनाव से पहले तेजी से बदलता है। 2025 के चुनाव के संदर्भ में NDA गठबंधन JD(U)-BJP के समीकरण पर निर्भर है। महागठबंधन RJD, कांग्रेस, वाम दलों के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में है। जन सुराज प्रशांत किशोर के नए राजनीतिक विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। हालांकि, अब मतदाता सूची में संभावित छेड़छाड़ का मुद्दा, प्रशांत किशोर को "जनहित" का चेहरा बनाने की दिशा में मदद कर सकता है।