Bihar Chirag paswan iftar parties: चिराग पासवान की इफ्तार दावत में बुझे-बुझे दिखे नीतीश कुमार! जानें कैसे गरमा गई बिहार की सियासत, जानें पूरा माजरा

बिहार में रमजान के बीच सियासी दलों की इफ्तार पार्टियां चर्चा में हैं। चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां समेत कई बड़े नेता शामिल हुए, जिससे एनडीए में एकता के संकेत मिले।

Bihar Chirag paswan iftar parties: चिराग पासवान की इफ्तार दा
Bihar Chirag paswan iftar parties- फोटो : social media

Bihar Chirag paswan iftar parties: बिहार में रमजान और चुनावी माहौल एक साथ चल रहे हैं, और इस बीच सियासी इफ्तार पार्टियों की रौनक भी बढ़ गई है। सभी प्रमुख दल मुस्लिम वोटरों को लुभाने और अपनी राजनीतिक एकता दिखाने के लिए इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं। रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर इफ्तार का आयोजन किया था, जबकि सोमवार को लालू यादव की आरजेडी और एनडीए सहयोगी चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।

चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी में कौन-कौन शामिल हुआ?

चिराग पासवान की तरफ से आयोजित इफ्तार पार्टी में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत कई बड़े राजनीतिक नेता पहुंचे। इसके अलावा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने खुद मेहमानों का स्वागत किया। इस मौके पर एनडीए और भाजपा के कई बड़े चेहरे भी मौजूद रहे, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि गठबंधन में समन्वय बना हुआ है।

NIHER

प्रमुख उपस्थित नेता:

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

परिवहन मंत्री शीला मंडल

Nsmch

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी

खाद्य आपूर्ति मंत्री लेशा सिंह

ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा

पटना की मेयर सीता साहू

लोजपा (रामविलास) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर आसिम खान

राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शहनवाज अहमद कैफी

प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी

नीतीश और चिराग की दूरियां घटीं?

जनवरी में मकर संक्रांति पर चिराग पासवान ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया था, जिसमें नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि मुख्यमंत्री चिराग से नाराज हैं।हालांकि, अब इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार की मौजूदगी एनडीए के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। इससे यह भी साफ हो गया कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच समन्वय कायम रखने की कोशिश की जा रही है।

चिराग पासवान ने क्यों रखी इफ्तार पार्टी?

चिराग पासवान बिहार की राजनीति में अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं। लोजपा (रामविलास) भाजपा के सहयोगी दल के रूप में उभर रही है, लेकिन मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए इफ्तार पार्टी एक अहम रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा, बीपीएससी परीक्षार्थियों के आंदोलन के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश सरकार के खिलाफ कई बयान दिए थे, जिससे संबंधों में कुछ खटास आ गई थी। लेकिन नीतीश के इफ्तार में शामिल होने से यह साफ हो गया कि एनडीए के भीतर सब ठीक करने की कोशिश की जा रही है।

क्या आरजेडी भी इसी रणनीति पर काम कर रही है?

इफ्तार पार्टी केवल एनडीए की रणनीति तक सीमित नहीं है। आरजेडी ने भी इसी दिन इफ्तार का आयोजन किया, जहां पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और कई बड़े नेता शामिल हुए।आरजेडी पहले से ही मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाए हुए है, और इफ्तार पार्टी के ज़रिए इसे और अधिक मजबूती देने की कोशिश कर रही है।

बिहार चुनाव 2024 में इफ्तार राजनीति का क्या असर होगा?

बिहार में इफ्तार पार्टियां केवल सामाजिक सौहार्द के लिए नहीं होतीं, बल्कि इनका चुनावी गणित से भी गहरा नाता होता है।

मुख्य चुनावी प्रभाव:मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़: सभी दल मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में करना चाहते हैं, और इफ्तार पार्टी इसी रणनीति का हिस्सा है।

गठबंधन की मजबूती: एनडीए में मतभेद की अटकलों के बीच नीतीश का चिराग की इफ्तार पार्टी में जाना गठबंधन के एकजुट रहने का संकेत है।

आरजेडी की मजबूती: लालू यादव और तेजस्वी यादव भी अपने मुस्लिम समर्थकों को साधने में जुटे हैं, जिससे चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

चिराग पासवान की स्थिति मजबूत: चिराग पासवान खुद को बिहार की राजनीति में एक प्रमुख चेहरे के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं, और यह इफ्तार पार्टी उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।

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