Bihar cyber Attack: बिहार में साइबर अटैक के हमले का खतरा! भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अलर्ट पर सरकार, जारी किए जरूरी निर्देश
Bihar cyber Attack: बिहार में CERT-IN की चेतावनी के बाद आर्थिक अपराध इकाई और साइबर सेल ने सभी थानों को चौकसी बढ़ाने और आईटी ऑडिट सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जानिए पूरी जानकारी।

Bihar cyber Attack:भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) ने मई की शुरुआत में देशभर में बड़े पैमाने पर डीडीओएस (Distributed Denial of Service) और फिशिंग हमलों की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी के बाद बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई और साइबर सेल हरकत में आ गई है और प्रदेश के सभी जिलों को साइबर सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार के सभी थानों को 24 घंटे निगरानी, नियमित डाटा बैकअप, आईटी ऑडिट और सोशल मीडिया पर सावधानी बरतने के सख्त आदेश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य न केवल संभावित साइबर हमलों को रोकना है, बल्कि सरकारी डेटा और नागरिकों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखना भी है।
DDOS और फिशिंग: क्या हैं ये हमले और इनका उद्देश्य क्या होता है?
डीडीओएस हमले का मकसद किसी वेबसाइट, नेटवर्क या ऑनलाइन सेवा को इतना अधिक ट्रैफिक भेजकर डाउन करना होता है कि वह सेवा अस्थायी रूप से बंद हो जाए। इससे सरकारी तंत्र, ऊर्जा आपूर्ति नेटवर्क, बैंकिंग सेवा और नगर निकायों की कार्यप्रणाली पर सीधा असर पड़ता है।
फिशिंग हमला
फिशिंग हमलों में उपयोगकर्ताओं को धोखे से नकली वेबसाइटों या ईमेल्स के जरिए निजी जानकारी जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स आदि देने को मजबूर किया जाता है। ये जानकारी बाद में आर्थिक धोखाधड़ी या सरकारी नेटवर्क में सेंध लगाने के लिए इस्तेमाल होती है।
पाकिस्तान समर्थित हैक्टिविस्ट समूहों की संदिग्ध भूमिका
सूत्रों की मानें तो APT-36, Ripper Sec, Anon Sec, Kimouse, Sylhet Gang, Mr. Hamza जैसे हैक्टिविस्ट समूह, जिनका सीधा या परोक्ष संबंध पाकिस्तान से माना जा रहा है, इन हमलों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य भारत के संवेदनशील डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बाधित करना है।राज्य में ऐसी गतिविधियों की रोकथाम के लिए सभी अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।किसी भी संवेदनशील दस्तावेज़ या पहचान पत्र की तस्वीर साझा न करें।इंटरनल मीटिंग्स की जानकारी सोशल मीडिया पर अपलोड न करें।केवल अधिकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें।
साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए ठोस कदम
राज्य साइबर सेल ने कई तत्काल कदम उठाए हैं, जो इस प्रकार है।
विशेष ईमेल पते और हॉटलाइन नंबर सक्रिय कर दिए गए हैं ताकि किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि की तुरंत सूचना दी जा सके।
थानों को हिदायत दी गई है कि वे अज्ञात लिंक, ईमेल या क्यूआर कोड पर क्लिक करने से बचें।
फर्जी वेबसाइटों और नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की सक्रिय निगरानी की जा रही है।
सभी थानों को नियमित रूप से अपने डेटा बैकअप और नेटवर्क की आईटी ऑडिट कराने के निर्देश मिले हैं।