Bihar Diwas 2025: बिहार दिवस आज, जानें इस साल का थीम, गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ता बिहार

Bihar Diwas 2025: आज बिहार दिवस है। आप सभी को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए रूबरू होते हैं प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ता बिहार से....

Bihar Diwas 2025
Bihar Diwas 2025 - फोटो : social media

Bihar Diwas 2025:हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। आज बिहार दिवस है। पटना के गांधी मैदान में आज से तीन दिनों तक बिहार दिवस को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बिहार का नाम आते ही इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का स्मरण होता है। यह वही भूमि है, जहां महात्मा बुद्ध ने बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया और जहां भगवान महावीर ने पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था। यही प्रदेश महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट की जन्मभूमि भी है, जिन्होंने दशमलव प्रणाली में शून्य का उपयोग कर गणित और खगोलशास्त्र में क्रांतिकारी योगदान दिया। बिहार की समृद्ध विरासत आज भी नालंदा विश्वविद्यालय जैसे ऐतिहासिक स्थलों के माध्यम से विश्वभर में प्रसिद्ध है।

बिहार दिवस 2025 "उन्नत बिहार, विकसित बिहार" थीम

इस वर्ष बिहार दिवस 2025 की थीम "उन्नत बिहार, विकसित बिहार" तय की गई है। इस अवसर पर राज्य के प्रमुख शहरों पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सरकारी स्तर पर प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने की पहल की जाएगी। युवाओं को बिहार की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी होंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल बिहार की ऐतिहासिक विरासत को याद करना है, बल्कि इसे आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी काम करना है।

इतिहास के पन्नों में बिहार

बिहार का इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। 22 मार्च 1912 को यह बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर एक स्वतंत्र प्रांत बना था। प्रारंभ में राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर थी और औद्योगिक विकास की गति धीमी थी। हालांकि, अब सरकार स्टार्टअप हब बनाने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।

Nsmch

विकास की ओर बढ़ता बिहार

बिहार की नई पीढ़ी अब शिक्षा, तकनीक और उद्यमिता में आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार बिहार स्टार्टअप नीति के तहत युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित कर रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे राज्य की स्थिति में सुधार हो रहा है। जीविका योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं, जिससे आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिल रहा है।

स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका

बिहार स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र रहा है। 1917 में चंपारण सत्याग्रह के माध्यम से महात्मा गांधी ने पहली बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज़ उठाई। स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राष्ट्र को स्वतंत्र कराने में योगदान दिया। बिहार न केवल ऐतिहासिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है। यहाँ की मिथिला पेंटिंग, लोकगीत, छऊ नृत्य और भोजपुरी संस्कृति इसकी धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आधुनिक बिहार भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को सहेजे हुए है और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत कर रहा है।

आर्थिक और औद्योगिक विकास की चुनौतियाँ

आजादी के बाद बिहार में हरित क्रांति, सिंचाई परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे का विकास हुआ, लेकिन औद्योगीकरण की धीमी गति और बढ़ती बेरोजगारी बड़ी चुनौती बनी रही। चीनी मिलों और मोकामा की बाटा फैक्ट्री जैसी औद्योगिक इकाइयाँ बंद होने से राज्य को नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, हाल के वर्षों में बिहार सरकार ने सड़क निर्माण, शिक्षा सुधार और कानून-व्यवस्था में सुधार की दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं।

आत्मनिर्भर बिहार का संकल्प

हाल के वर्षों में बिहार ने डिजिटल तकनीक, स्टार्टअप्स और उद्योगों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सरकार नई औद्योगिक नीतियाँ लागू कर रही है, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। बाढ़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी काम किया जा रहा है। बिहार दिवस 2025 इस संकल्प को दोहराने का अवसर है कि हम अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर राज्य को शिक्षा, उद्योग और नवाचार का केंद्र बनाएंगे।

बिहार का गौरवशाली भविष्य

बिहार दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संकल्प है—अपने अतीत से सीखने और भविष्य की नई दिशा तय करने का। यह दिन हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान, इतिहास और गौरवशाली परंपरा को सहेजने का अवसर प्रदान करता है। बिहार अपनी शिक्षा, तकनीक और औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर होकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। बिहार दिवस 2025 हम सभी के लिए प्रेरणा का दिन है, जब हम मिलकर बिहार को एक विकसित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने का संकल्प लें।

Editor's Picks