Bihar News: बिहार में मनी लॉन्ड्रिंग का भंडाफोड़, ED की छापेमारी में खुला सरकारी टेंडर घोटाला
Bihar News: बिहार में सरकारी टेंडरों में रिश्वतखोरी के गोरखधंधे पर ED ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पटना समेत कई जगहों पर छापेमारी में करोड़ों की नकदी बरामद हुई। अब जांच का दायरा ठेकेदारों तक बढ़ाया जा रहा है

बिहार में सरकारी टेंडरों के खेल में घूसखोरी की जड़ें गहरी होती जा रही थीं, लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस गोरखधंधे पर शिकंजा कसने की ठान ली है। हाल ही में पटना में हुई छापेमारी में भवन निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता तारणी दास समेत कई अफसरों के घरों से करोड़ों रुपये नकद बरामद हुए। इस खुलासे के बाद अब ED की नजर उन ठेकेदारों पर है, जो मोटी रकम देकर टेंडर हासिल करते थे। सूत्रों की मानें तो भ्रष्ट अफसरों से पूछताछ में कई ठेकेदारों के नाम उजागर होने वाले हैं, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
छापेमारी में मिले करोड़ों रुपये, नोट गिनने को मंगानी पड़ी मशीनें
पिछले दिनों ED ने पटना में कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें भवन निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता तारणी दास के आवास से करीब 8 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। इसके अलावा सात अन्य अधिकारियों के घरों से 11.64 करोड़ रुपये कैश, जमीन के दस्तावेज और अन्य अहम सबूत मिले। बरामद रकम इतनी अधिक थी कि नोट गिनने के लिए मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ा। बताया जा रहा है कि यह पैसा सरकारी टेंडरों और बिल पास कराने के एवज में ली गई रिश्वत का हिस्सा था। अब ED उन ठेकेदारों की पड़ताल कर रही है, जिन्होंने इन अफसरों को रिश्वत दी थी।
ठेकेदारों पर कार्रवाई की तैयारी, कड़ी पूछताछ में खुल सकते हैं राज
ED अब उन अफसरों से सख्ती से पूछताछ कर रही है, जिनके पास से करोड़ों की अवैध संपत्ति मिली है। मुख्य सवाल यह है कि इतना बड़ा रकम उनके पास आई कहां से? किन ठेकेदारों ने रिश्वत दी और बदले में कौन-कौन से टेंडर या बिल पास कराए गए? सूत्रों के मुताबिक, भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब उन ठेकेदारों के नाम सामने आ सकते हैं, जो इस खेल के असली सूत्रधार थे। एक बार नाम उजागर होने के बाद ED उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
ED का बड़ा ऐलान - सिर्फ रिश्वत लेने वाले ही नहीं, देने वाले भी फंसेंगे
ED ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घोटाले में केवल सरकारी अफसर ही नहीं, बल्कि रिश्वत देने वाले ठेकेदार भी कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएंगे। जांच में पटना के ठेकेदार रिशु श्री का नाम पहले ही सामने आ चुका है और सूत्रों की मानें तो कई और ठेकेदारों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अब इनपर कड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा खेल, IAS अधिकारियों तक पहुंची जांच
यह घोटाला केवल रिश्वतखोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि ED इसे मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क से जोड़कर देख रही है। सवाल यह है कि टेंडर के बदले लिए गए पैसे को ठेकेदारों ने कैसे सफेद किया और किन तरीकों से इसे छुपाया गया? इससे पहले इसी मामले में IAS अधिकारी संजीव हंस समेत कई बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब अगला नंबर ठेकेदारों का है। ED की यह कार्रवाई बिहार में भ्रष्टाचार के गहरे जड़ों को उखाड़ने की एक बड़ी पहल मानी जा रही है।