Bihar election 2025: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। राजनीतिक दलों और नेताओं की सक्रियता से चुनावी माहौल गर्म है। इसी बीच, लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से अन्नू शुक्ला ने लालगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। अन्नू शुक्ला, जो बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की पत्नी हैं ने लालगंज को अपना परिवार बताते हुए कहा कि वह इस बार राजद के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
मुन्ना शुक्ला: विवादों और बाहुबल की छवि
मुन्ना शुक्ला एक पूर्व विधायक और बाहुबली नेता हैं। वह वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उनकी छवि लालगंज में एक प्रभावशाली नेता की रही है। वहीं अन्नू शुक्ला का कहना है कि लालगंज के लोग आज भी मुन्ना शुक्ला को अपना बेटा और भाई मानते हैं। उन्होंने कहा कि लालगंज में मुन्ना शुक्ला के बिना अंधेरा है।
अन्नू शुक्ला की सियासी पारी
अन्नू शुक्ला ने कहा कि वह राजद के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने लालगंज को अपना घर और वहां के लोगों को अपना परिवार बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा हमारा घर है। हम यहां की बहू हैं और हमेशा लोगों के साथ खड़े रहते हैं। अन्नू शुक्ला ने लालगंज के मथुरापुर में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि लालगंज के लोगों को उनके सुख-दुख में साथ देने का भरोसा है।
लालगंज विधानसभा सीट: राजनैतिक महत्व
लालगंज विधानसभा सीट बिहार के वैशाली जिले में स्थित है और यह एक प्रमुख राजनीतिक क्षेत्र है। यहां पर मुन्ना शुक्ला की पकड़ मजबूत रही है। राजद ने हमेशा इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश की है।
2025 चुनाव में संभावनाएं:
अन्नू शुक्ला का राजद से चुनाव लड़ना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यह सीट राजद और अन्य दलों के बीच सख्त मुकाबले का गवाह बनेगी। अन्नू शुक्ला ने कहा कि मैं राजद में हूं और पार्टी से ही चुनाव लड़ूंगी। लालगंज के लोग आज भी मुन्ना शुक्ला के बिना अधूरे महसूस करते हैं। लालगंज की जनता जानती है कि मैं हमेशा उनके साथ खड़ी रहती हूं। ईश्वर के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं। हमें ईश्वर पर पूरा भरोसा है।"
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लालगंज सीट पर सियासी मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है। अन्नू शुक्ला के चुनाव मैदान में उतरने से यह सीट चर्चा का केंद्र बन गई है। राजद के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी की क्षेत्रीय पकड़ और भविष्य की रणनीति का संकेत देगा।