Bihar land survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण (Land Survey in Bihar) का कार्य अब और तेज होने वाला है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) के अनुसार, फरवरी के अंत से राज्यभर में जमीन की सीमाओं को मापने और रिकॉर्ड अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
राजस्व विभाग की घोषणा
राजस्व विभाग ने पहले ही सितंबर 2023 में भूमि धारकों (Landowners) को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के लिए समय दिया था, क्योंकि कई लोग स्वामित्व (Ownership), जमाबंदी (Jamabandi) और बंटवारे के कागजात (Partition Documents) प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।
राजस्व विभाग के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में करीब 1 करोड़ आवेदन ऑनलाइन और ब्लॉक कार्यालयों में जमा किए गए हैं, जिसमें स्व-घोषणात्मक प्रारूप (Self-Declaration Form) के तहत दस्तावेज़ सत्यापन के लिए प्रस्तुत किए गए हैं।
फरवरी के अंत से शुरू होगी किस्तवार और खानापूर्ति प्रक्रिया
राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि फरवरी के अंत से बिहार के सभी जिलों में किस्तवार (Kistwar) और खानापूर्ति (Khanapuri) की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद हम मसौदा रिपोर्ट (Draft Report) प्रकाशित करेंगे और सर्वेक्षण प्रक्रियाओं के तहत आपत्तियां (Objections) और दावे (Claims) स्वीकार करेंगे।"
सर्वेक्षण कार्य की स्थिति
इस कार्य को पूरा करने के लिए 10,000 से अधिक सर्वेक्षण अधिकारी (Survey Officers) लगे हुए हैं।डिजिटल मानचित्र (Digital Mapping) की मदद से भूमि मालिक आसानी से अपनी जमीन की स्थिति को देख सकेंगे।2026 तक सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जन जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक अभियान
1 फरवरी 2024 से राजस्व विभाग पूरे बिहार में 534 सर्किलों (Revenue Circles) में नुक्कड़ नाटक (Street Plays) के माध्यम से जन जागरूकता अभियान (Public Awareness Campaign) शुरू करने जा रहा है।
'चली सरकार जनता के द्वार' अभियान
अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाना है।
यह अभियान एक महीने तक चलेगा।
चार दर्जन नुक्कड़ नाटक समूह पूरे राज्य में इस अभियान को बढ़ावा देंगे।
अभियान का नारा:
"आपकी ज़मीन, आपके नाम".इस अभियान में गांवों के डिजिटल मानचित्र (Digital Village Maps) भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि भूमि धारक (Landowners) अपने भूखंडों (Land Plots) की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकें।
भूमि सर्वेक्षण के मुख्य उद्देश्य
1. भूमि विवादों को कम करना
100 सालों में पहली बार बिहार सरकार विशेष भूमि सर्वेक्षण (Special Land Survey) कर रही है, ताकि:
अतिक्रमण (Encroachment) को रोका जाए
सरकारी जमीन (Government Land) की पहचान की जा सके
भूमि रिकॉर्ड (Land Records) को अपडेट किया जाए
2. पारदर्शी भूमि लेनदेन सुनिश्चित करना
राज्य सरकार चाहती है कि भविष्य में भूमि खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता बनी रहे और अवैध कब्जे (Illegal Possession) को रोका जाए।
3. डिजिटल भूमि रिकॉर्ड
डिजिटल भूमि मानचित्र (Digital Land Mapping) के जरिए जमीन मालिक आसानी से अपनी भूमि की स्थिति देख सकेंगे।
बिहार सरकार का भूमि सर्वेक्षण अभियान
बिहार सरकार का भूमि सर्वेक्षण अभियान 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। फरवरी 2024 से सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाई जाएगी और किस्तवार व खानापूर्ति की प्रक्रिया सभी जिलों में शुरू होगी। जनता को जागरूक करने के लिए 'चली सरकार जनता के द्वार' अभियान नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से चलाया जाएगा।