Bihar Land Survey: बिहार के जमीन मालिकों के लिए अलर्ट! 15 अप्रैल तक नहीं किया ये काम तो बढ़ सकती है परेशानी
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन मालिकों को स्वघोषणा पत्र भरने का एक और मौका मिला है। सरकार ने पोर्टल की डेडलाइन बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी है। अब रैयत इस तारीख तक ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं।

बिहार में जमीन से जुड़ी बड़ी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष सर्वेक्षण अभियान में अब भी हजारों रैयतों ने अपनी जमीन का स्वघोषणा पत्र दाखिल नहीं किया है। ऐसे जमीन मालिकों को राहत देते हुए भू राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्वघोषणा पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी है।
सरकार ने दी अंतिम चेतावनी, 15 अप्रैल से पहले न भरने पर बढ़ेगी दिक्कत
अब यह पोर्टल 15 अप्रैल तक खुला रहेगा। इसके बाद पोर्टल को बंद कर दिया जाएगा और जिन रैयतों ने निर्धारित तिथि तक फॉर्म नहीं भरा होगा, उन्हें भविष्य में जमीन से जुड़ी सेवाओं में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
भू राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट किया है कि यह समय सीमा विशेष रूप से उन जिलों के लिए बढ़ाई गई है जहां स्वघोषणा फॉर्म जमा करने की दर बेहद कम रही है। हालांकि, इस राहत का लाभ पूरे राज्य के जमीन मालिकों को मिलेगा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यम उपलब्ध
राजस्व विभाग ने यह भी साफ किया है कि रैयत चाहे तो अपनी भूमि से संबंधित जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर खुद अपलोड कर सकता है, या फिर संबंधित अंचल कार्यालय में जाकर ऑफलाइन माध्यम से भी फॉर्म जमा कर सकता है।
क्यों ज़रूरी है स्वघोषणा पत्र?
स्वघोषणा फॉर्म से सरकार को हर रैयत की भूमि की सटीक जानकारी मिलती है, जिससे आगे चलकर नक्शा, दाखिल-खारिज, रसीद और अन्य भूमि सुधार योजनाओं में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
यदि कोई जमीन मालिक निर्धारित समय में यह फॉर्म नहीं भरता है, तो उनकी जमीन से जुड़ी रिकॉर्डिंग अधूरी रह सकती है और भविष्य में विवाद की स्थिति में उन्हें कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।