Bihar Bhumi Survey: बिहार में जमीन सर्वे के बीच राजस्व कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी! 4000 लोगों की होगी वापसी, बढ़ाई जाएगी सैलरी
Bihar Bhumi Survey: बिहार में जमीन सर्वे के बीच राजस्व कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार ने उनकी मांगों को मानते हुए वेतन वृद्धि और पदनाम में बदलाव का फैसला लिया है।

Bihar Bhumi Survey: बिहार सरकार भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए भू-अभिलेख सर्वेक्षण कार्य को ज़ोर-शोर से आगे बढ़ा रही है। इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं राजस्व कर्मी, जो जमीनी स्तर पर नापी, रिकॉर्डिंग, सत्यापन और दस्तावेजीकरण जैसे कार्यों में अहम योगदान दे रहे हैं।हालांकि, विगत कुछ सप्ताहों में यह कार्य ठप पड़ गया था क्योंकि लगभग 4,000 राजस्व कर्मी हड़ताल पर चले गए थे, जिससे कई ज़िलों में जमीन से जुड़ी फाइलें अटक गई थीं और कार्य रुका हुआ था।
सरकार और कर्मियों के बीच संवाद
इस हड़ताल के बाद, बिहार सरकार और संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बीच चली बातचीत में बड़ा सकारात्मक परिणाम निकला। सरकार ने राजस्व कर्मियों की अधिकांश मांगों को मानते हुए उनकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार रहे:
पदनाम परिवर्तन:
अब “राजस्व कर्मचारी” का पदनाम बदलकर “सहायक राजस्व अधिकारी” कर दिया गया है, जिससे उनके कार्य को अधिक अधिकारिक मान्यता मिलेगी।
गृह जिला में पोस्टिंग:
अब इन कर्मियों को अपने गृह जिले या निकटवर्ती जिले में ही तैनाती दी जाएगी, जिससे वे अपने परिवार के निकट रहते हुए सेवाएं दे सकेंगे।
ग्रेड पे और वेतन में वृद्धि:
इन कर्मियों को ग्रेड पे में इज़ाफा और वेतनमान का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
लेवल-2 क्लर्क के रूप में कार्य:
पंचायत स्तर पर कार्यरत राजस्व कर्मियों को लेवल टू क्लर्क सहायक का दर्जा दिया जाएगा, जिससे उनके कर्तव्य और अधिकार और स्पष्ट होंगे।
4000 कर्मियों की वापसी: विभाग को मिली नई ऊर्जा
हड़ताल की वजह से विभाग की कार्यप्रणाली ठप हो गई थी। ज़मीन सर्वेक्षण के दस्तावेज़, केस, और डिजिटल मैपिंग प्रक्रिया बाधित हो रही थी। लेकिन अब जब करीब 4,000 राजस्व कर्मी काम पर लौट चुके हैं, तो विभाग को नई गति और नवीन ऊर्जा मिली है।इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे भूमि सुधार और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के लक्ष्य को अब अधिक त्वरित और प्रभावी रूप से पूरा किया जा सकेगा।
राजस्व कर्मियों की ताकत और राज्य की विकास दिशा
राजस्व कर्मी सिर्फ सरकारी मुलाज़िम नहीं, बल्कि वे ज़मीनी प्रशासन की रीढ़ की हड्डी हैं। चाहे वह भूमि विवाद हो, नई पट्टे की प्रक्रिया हो, या फिर किसान से जुड़ी किसी योजना का क्रियान्वयन—इनकी भागीदारी अनिवार्य है।अब जब इन कर्मियों को पदनाम, वेतन और पोस्टिंग में राहत मिली है, तो इसका लाभ न केवल उन्हें मिलेगा, बल्कि पूरा राज्य प्रशासनिक स्थायित्व और सेवा संतुलन की दिशा में आगे बढ़ेगा।