Nitish Kumar new cabinet: NDA विधायक दल की बैठक आज! 20 नवंबर को नीतीश कुमार लेंगे शपथ, स्पीकर और गृह विभाग को लेकर बीजेपी–JDU में गहमागहमी तेज
Nitish Kumar new cabinet: बिहार में नई सरकार के गठन से पहले NDA विधायक दल की बैठक आज होगी। 20 नवंबर को नीतीश कुमार CM पद की शपथ लेंगे। स्पीकर और गृह विभाग पर खींचतान तेज।
Nitish Kumar new cabinet: बिहार की सियासत एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। 2025 विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया और अब पटना में होने वाली एनडीए विधायक दल की बैठक नई सरकार के चेहरे को औपचारिक रूप से तय करेगी। माहौल साफ है कि 20 नवंबर को नीतीश कुमार ही फिर से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन यह बैठक केवल घोषणा भर नहीं—बल्कि पूरे गठबंधन की ताकत और एकजुटता का प्रदर्शन भी मानी जा रही है।
एनडीए का हर घटक—बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हम, रालोमो और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी—इस बैठक को सफल बनाने में जुटा है। इसी क्रम में बीजेपी के विधायक दल की भी अलग बैठक होगी, जिसके लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और साध्वी निरंजन ज्योति भी सह-पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। इन्हीं की देखरेख में नेता का चुनाव, सहयोगियों के बीच सहमति और नई कैबिनेट की रूपरेखा पर अंतिम निर्णय होगा।
इस बार के चुनाव में एनडीए ने दो सौ से अधिक सीटें जीतकर एक मजबूत स्थिति बनाई है। लगातार राजनीतिक उलटफेरों के बीच इस गठबंधन की स्थिरता को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं और यह बैठक उसी भरोसे को औपचारिक रूप देती है।
दिल्ली में जेडीयू नेताओं की मैराथन बैठक—स्पीकर और गृह विभाग पर चली लंबी चर्चा
सरकार बनने से पहले मंगलवार को दिल्ली में जेडीयू नेताओं की एक अहम बैठक हुई। संजय झा और ललन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक करीब तीन घंटे चली और बिहार की नई सरकार के ढांचे पर विस्तार से चर्चा की गई।नीतीश कुमार और भाजपा दोनों इस बार एक ऐसी सरकार चाहते हैं जिसमें अधिकारों और जिम्मेदारियों का विभाजन पहले से तय और स्पष्ट हो। चर्चा का मुख्य विषय रहा कि स्पीकर का पद किसके पास रहेगा और गृह विभाग कौन संभालेगा। जेडीयू ने विधानसभा अध्यक्ष का पद इस बार अपने लिए मांगा है, जबकि भाजपा चाहती है कि यह पद उसके पास ही रहे। पिछले कार्यकाल में भी स्पीकर बीजेपी से ही थे। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी स्पीकर और जेडीयू डिप्टी स्पीकर पर सहमत हो सकती है।
बिहार में कानून-व्यवस्था हमेशा चुनावी मुद्दा
गृह विभाग पर बातचीत और ज्यादा संवेदनशील रही। बिहार में कानून-व्यवस्था हमेशा चुनावी मुद्दा रही है और नीतीश कुमार यह विभाग अपने पास रखना पसंद करते हैं। दूसरी ओर बीजेपी यह तर्क दे रही है कि सबसे बड़े दल के तौर पर उसे यह जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। अंतिम फैसला पटना की बैठक से पहले स्पष्ट हो सकता है।
नई सरकार का चेहरा कैसा होगा—मंत्रिमंडल के फार्मूले पर लगभग सहमति
एनडीए की अगली सरकार में किसे मंत्री बनाया जाएगा और किसके पास कितनी हिस्सेदारी होगी, इस पर लगभग एक राय बन चुकी है। गठबंधन की रणनीति यह है कि कैबिनेट ऐसा हो जिसमें जातीय, क्षेत्रीय और राजनीतिक संतुलन कायम रहे और सभी दलों को उनकी ताकत के अनुसार स्थान मिले। बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में अधिक मंत्री देगी और कुछ नए चेहरों को भी पहली बार मौका मिलने की चर्चा है। वहीं जेडीयू को भी पर्याप्त जगह दी जाएगी और उसके पुराने मंत्रियों में से अधिकतर वापस सरकार में शामिल होंगे। जातीय संतुलन के आधार पर कुछ बदले हुए चेहरों की भी संभावना है।
लोजपा को मिलने वाला है मजबूत प्रतिनिधित्व
लोजपा (रामविलास) को इस बार मजबूत प्रतिनिधित्व मिलने वाला है, क्योंकि चिराग पासवान की पार्टी ने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके तीन से चार मंत्री बन सकते हैं और बड़े विभागों की मांग को लेकर भी बातचीत जारी है।हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी एक-एक स्थान मिलने की संभावना है। छोटे सहयोगी दलों को भी उनकी राजनीतिक स्थिति के अनुसार जगह दी जाएगी।नई कैबिनेट के गठन में अति पिछड़े वर्ग, एससी/एसटी समुदाय और महिलाओं की भूमिका को विशेष महत्व दिया जा रहा है, ताकि यह सरकार सामाजिक प्रतिनिधित्व के लिहाज से भी मजबूत नज़र आए।