Bihar school time table: बिहार में बदला स्कूल टाइम-टेबल! अब प्राइमरी से प्लस-टू तक सभी स्कूल 9:30 से 4 बजे तक चलेंगे

Bihar school time table: बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्राइमरी से प्लस-टू तक सभी सरकारी स्कूलों, संस्कृत विद्यालयों और मदरसों के लिए नया मॉडल टाइम-टेबल लागू किया है। अब स्कूल सुबह 9:30 से शाम 4 बजे तक चलेंगे। जानें पूरी दिनचर्या।

Bihar school time table
बिहार के सरकारी स्कूल का समय- फोटो : social media

Bihar school time table: बिहार शिक्षा विभाग ने राज्यभर के स्कूलों में एक समान समय-सारणी लागू करते हुए बड़ा निर्णय लिया है। सरकारी स्कूलों के साथ-साथ संस्कृत विद्यालय और मदरसे भी अब इसी तय समय के अनुसार चलेंगे। नई व्यवस्था के बाद हर स्कूल सुबह 9:30 बजे खुलेगा और शाम 4 बजे तक पढ़ाई, गतिविधियाँ और शैक्षिक कार्यक्रम जारी रहेंगे।

सुबह 9:30 बजे शुरू होगी प्रार्थना सभा, बच्चों की पूरी जांच भी होगी

हर दिन की शुरुआत एक सुव्यवस्थित प्रार्थना सभा से होगी। सुबह 9:30 बजे सभी छात्र मैदान में एकत्र होंगे, जहां उनकी वेशभूषा से लेकर साफ-सफाई तक की जांच की जाएगी। इसके साथ ही प्रार्थना, बिहार गीत, सामान्य ज्ञान और समाचार वाचन का आयोजन होगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि शिक्षक हो या अन्य कर्मचारी—सभी को समय पर उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

10 बजे से आठ पीरियड की पढ़ाई, दिनभर का कार्यक्रम तय

प्रार्थना सभा समाप्त होते ही पढ़ाई का समय शुरू हो जाएगा। विभाग ने सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कुल आठ पीरियड तय किए हैं। बीच में दोपहर का अवकाश भी रखा गया है ताकि बच्चे आराम से भोजन कर सकें। अंतिम पीरियड शाम चार बजे राष्ट्रगान के साथ समाप्त होगा। राष्ट्रगान के लिए स्कूलों में लाउडस्पीकर का उपयोग अनिवार्य किया गया है ताकि सभी छात्र एक साथ शामिल हो सकें।

खेल, कला और संगीत पर भी बराबर जोर, हर कक्षा का अलग समय

नई व्यवस्था में केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों की प्रतिभा को उभारने पर भी ध्यान दिया गया है। इसलिए खेल, नृत्य, संगीत और पेंटिंग जैसी गतिविधियों के लिए विशेष कक्षाएँ तय की गई हैं। हर कक्षा के लिए समय अलग-अलग रखा जाएगा ताकि स्कूल में सभी आयु समूह के बच्चे इन गतिविधियों का लाभ पा सकें और भीड़भाड़ न हो।

नई समय-सारणी का उद्देश्य 

शिक्षा विभाग के अनुसार यह मॉडल टाइम-टेबल इसलिए लागू किया गया है ताकि स्कूलों में अनुशासन मजबूत हो, उपस्थिति बेहतर हो और बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का संतुलित माहौल मिल सके। विभाग का मानना है कि एक समान समय-सारणी राज्यभर के स्कूलों के संचालन को आसान बनाएगी और शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए निश्चित व्यवस्था मिलेगी।