Bihar Nitish Kumar: विधानसभा चुनाव के पहले CM नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक! अनुसूचित जाति और मछुआरा आयोग का गठन, इनको दी जरूरी जिम्मेदारी

Bihar Nitish Kumar: बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति आयोग और मछुआरा आयोग का गठन किया है। जानिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की पूरी सूची और आयोगों की भूमिका।

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चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा फैसला!- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Nitish Kumar: बिहार सरकार ने समाज के वंचित तबके को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन करके सरकार ने न सिर्फ संवैधानिक जिम्मेदारी निभाई है बल्कि सामाजिक न्याय की ओर भी ठोस प्रयास किया है।

आयोग की संरचना और सदस्य

अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कटिहार के मनोज कुमार को नियुक्त किया गया है, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में पटना के देवेंद्र कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयोग में कुल सात सदस्य हैं, जिनमें अलग-अलग जिलों से आने वाले प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।इन सदस्यों में औरंगाबाद के ललन राम, पटना के रूबेल रविदास और अजीत कुमार चौधरी, नालंदा के संजय कुमार, वैशाली के राम नरेश कुमार, भोजपुर के राम ईश्वर रजक और मुंगेर के मुकेश मांझी का नाम प्रमुख है।

आयोग की भूमिका

इस आयोग का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा, उनके कल्याण और सामाजिक समावेश को सुनिश्चित करना है। यह आयोग राज्य सरकार को नीति निर्माण, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जमीनी स्तर पर सुधारों हेतु अनुशंसाएं देगा।

मछुआरा आयोग: जीविका और संरक्षण के लिए नया मंच

सरकार ने मछुआरा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए राज्य मछुआरा आयोग का भी गठन किया है। इस आयोग का गठन एक दूरगामी योजना का हिस्सा है, जिसमें जल संसाधनों का न्यायसंगत वितरण और मत्स्य उद्योग का विकास भी शामिल है।

प्रमुख नियुक्तियां

पूर्वी चंपारण के ललन कुमार को मछुआरा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि बक्सर के अजीत कुमार उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा भागलपुर की रेणु सिंह को महिला सदस्य के रूप में जगह दी गई है। अन्य सदस्यों में विद्यासागर सिंह निषाद (समस्तीपुर) और राजकुमार (पटना) शामिल हैं।

आयोग का कार्यक्षेत्र

मछुआरा आयोग का मुख्य उद्देश्य मछुआरों के संरक्षण, कल्याण, और आर्थिक विकास से संबंधित योजनाओं पर विचार कर सरकार को आवश्यक सुझाव देना है। इसके अंतर्गत समुदाय की समस्याओं का निराकरण, मत्स्य पालन के नए अवसरों का निर्माण और सरकारी योजनाओं की निगरानी शामिल है।

अब तक गठित छह आयोग: सामाजिक प्रतिनिधित्व का व्यापक दायरा

यह उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार अब तक कुल छह आयोगों का गठन कर चुकी है। ये आयोग निम्नलिखित हैं:

बाल संरक्षण अधिकार आयोग

अल्पसंख्यक आयोग

अनुसूचित जनजाति आयोग

सवर्ण आयोग

अनुसूचित जाति आयोग

मछुआरा आयोग

इन आयोगों के माध्यम से सरकार राज्य के सभी सामाजिक वर्गों को प्रतिनिधित्व देने और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु समर्पित दृष्टिकोण अपना रही है।