Nitish Kumar cabinet: बिहार NDA सरकार में बड़ा बदलाव! BJP के कई दिग्गज मंत्रियों को नहीं मिली जगह, 14 नेता हुए कैबिनेट से बाहर

Nitish Kumar cabinet: बिहार की नई NDA सरकार में बीजेपी के कई दिग्गज मंत्रियों को जगह नहीं मिली। पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी समेत 14 चेहरे कैबिनेट से बाहर हो गए।

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BJP में अंदरूनी बड़ा बदलाव- फोटो : social media

Nitish Kumar cabinet: बिहार में NDA सरकार का गठन होते ही राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह में जितना ध्यान नए मंत्रियों पर था, उतना ही चर्चा इस बात की भी हुई कि भाजपा ने अपनी पुरानी टीम में व्यापक फेरबदल कर दिया है। कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी, जिसे पार्टी के भीतर नई टीम और नए संतुलन का संकेत माना जा रहा है।

पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी सहित कई बड़े चेहरे इस बार कैबिनेट से बाहर

बीजेपी की ओर से सबसे चौंकाने वाला फैसला यह रहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी को भी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया।इसी तरह उद्योग विभाग संभाल चुके नीतीश मिश्रा, वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार, और करीब 14 प्रमुख चेहरों को कैबिनेट सूची में शामिल नहीं किया गया।शपथ ग्रहण के दिन इन सभी नेताओं को मंत्री मंच के बजाय सामान्य विधायकों की पंक्ति में बैठना पड़ा, जिससे यह साफ संकेत गया कि BJP इस बार बड़े पैमाने पर टीम का री-शफल कर रही है।

विधान परिषद कोटे वाले तीन मंत्री भी नहीं बनाए गए

भाजपा के जिन तीन MLC नेताओं को पिछली सरकार में मंत्री बनाया गया था, उन्हें भी इस बार बाहर कर दिया गया है।

इनमें शामिल हैं—

संतोष सिंह (पूर्व श्रम संसाधन मंत्री)

हरि सहनी (पूर्व पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री)

जनक राम (पूर्व अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्री)

इनके बाहर होने को भाजपा की नई सोशल इंजीनियरिंग और अंदरूनी समीकरणों को फिर से गढ़ने की रणनीति माना जा रहा है।

जिवेश मिश्रा, संजय सरावगी, सुनील कुमार समेत कई दिग्गजों को जगह नहीं

कैबिनेट से बाहर किए गए अन्य बड़े नामों में शामिल हैं—

जिवेश मिश्रा, पूर्व नगर विकास मंत्री

संजय सरावगी, पूर्व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री

केदार प्रसाद गुप्ता, पूर्व पंचायती राज मंत्री

राजू कुमार सिंह, पूर्व पर्यटन मंत्री

कृष्ण कुमार मंटू, पूर्व आईटी मंत्री

डॉ. सुनील कुमार, पूर्व पर्यावरण-वन मंत्री

नीरज सिंह बबलू, पूर्व पीएचईडी मंत्री

एक ही बार में इतने वरिष्ठ लोगों का बाहर होना भाजपा की टीम संरचना में बड़े बदलाव को दिखाता है।

कृष्णनंदन पासवान को भी झटका, मोतीलाल पहले ही दौड़ से बाहर

हरसिद्धी से विधायक और पूर्व गन्ना-उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान को भी जगह नहीं मिल सकी। वहीं पूर्व मंत्री मोतीलाल को तो टिकट ही नहीं दिया गया था, इसलिए उनका बाहर रहना तय था।

इतना बड़ा बदलाव क्यों?

भाजपा ने इस बार अपनी कैबिनेट तैयार करते समय जातीय संतुलन, नई नेतृत्व टीम और अगले चुनावों की रणनीति को प्राथमिकता दी है। पार्टी इसे “नई शुरुआत” और “न्यू जेनरेशन लीडरशिप” के रूप में दिखाना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा अब बिहार में अपनी दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रही है, जिसका असर आगे कई चुनावों में दिखेगा