Patna news - अंखड ज्योति आई हॉस्पीटल ने शुरू की प्रोजेक्ट बाल दृष्टि, दो वर्षों में करेंगे बिहार के 5 लाख बच्चों की आँखों की स्क्रीनिंग और 4,000 से अधिक बच्चों की नेत्र सर्जरी
patna news -अमेरिका स्थित गैविन हर्बर्ट आई इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में चीफ ऑफ पीडियाट्रिक ऑप्थाल्मोलॉजी एवं स्ट्रैबिस्मस डॉ डॉनी सुह आज पटना के अखंड ज्योति हॉस्पीटल पहुंचे। जहां उन्होंने बच्चों की आंखों में बढ़ती बीमारी के रोकथाम पर

Patna - अमेरिका स्थित गैविन हर्बर्ट आई इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में चीफ ऑफ पीडियाट्रिक ऑप्थाल्मोलॉजी एवं स्ट्रैबिस्मस डॉ डॉनी सुह अपने तीन दिनों के दौरे पर पटना के निकट मस्तीचक स्थित अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मरीजों, चिकित्सकों और फिर मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने इस दौरान रविवार को कुछ बच्चों के आंखों की जटिल सर्जरी भी की।
अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए विश्वप्रसिद्ध बाल नेत्र विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता डॉ. डॉनी सुह ने कहा कि मोबाईल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट तक सिमट चुके बच्चे सूर्य की किरणों से वंचित होते जा रहे हैं। बदलते जीवन-शैली और जंकफूड के कारण बच्चों में मोटापा, डाइबिटिज जैसी बीमारियां हो रही हैं। डाइबिटिक बच्चे मायोपिया, रेटिना और आंखों की दूसरी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। डॉ डॉनी सुह ने कहा कि आउटडोर गतिविधियों से बच्चों में बढ़ती आंखों की बीमारियों को रोका जा सकता है।
डॉ डॉनी सुह ने कहा कि दृष्टिबाधित बच्चों का शारीरिक विकास भी रूक जाता है। भेंगापन यानी आंखों का टेढ़ापन की बीमारी के इलाज और शोध के लिए विश्व प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ डॉनी सुह ने कहा कि यदि बचपन में ही इलाज हो जाए तो भेंगापन के शिकार बच्चों के ठीक होने की संभावना अधिक होती है।
अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल के ऑपरेशन थिएटर और अन्य सुविधाओं को विश्वस्तरीय बताया
आगामी 3 से 6 अप्रैल तक दिल्ली में आयोजित आंखों की बीमारियों से संबंधित एशिया पेसिफिक कान्फ्रेंस में भाग लेने भारत दौरे पर आए डॉ. डॉनी सुह अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल सात वर्षों बाद आए हैं। अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल के ऑपरेशन थिएटर और अन्य सुविधाओं के संबंध में उन्होंने कहा, “अखंड ज्योति नेत्र अस्पताल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है, और यहाँ के ऑपरेशन थिएटर (OT) अमेरिका की किसी भी उच्चस्तरीय संस्थान के OT की बराबरी करते हैं। मैं अखंड ज्योति के बाल नेत्र विभाग के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हूँ और मेरा उद्देश्य बिहार के अधिक से अधिक बच्चों को समय पर उच्च गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है।” डॉ. सुह ने बिहार के सभी बाल रोग विशेषज्ञों (Paediatricians) और नवजात शिशु रोग विशेषज्ञों से विशेष आग्रह किया कि वे उन बच्चों को, जिनमें रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी (ROP) या अन्य गंभीर नेत्र रोगों की संभावना हो, शीघ्र ही अखंड ज्योति के बाल नेत्र विभाग को रेफर करें ताकि समय पर उपचार कर उनकी दृष्टि सुरक्षित की जा सके।
इस अवसर पर अखंड ज्योति के सीईओ मृत्युन्जय तिवारी ने कहा कि यह पहल बिहार के बच्चों को समय पर इलाज मुहैया कराकर अंधापन से बचाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजीत पोद्दार ने कहा कि अस्पताल ने “प्रोजेक्ट बाल दृष्टि” नामक एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसके अंतर्गत आने वाले दो वर्षों में 5 लाख बच्चों की आँखों की स्क्रीनिंग और 4,000 से अधिक बच्चों की नेत्र सर्जरी की जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि डॉ. सुह का मार्गदर्शन इस अभियान को और प्रभावी बनाएगा।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आशीष अग्रवाल और डॉ. तरन्नुम फातिमा ने भी अस्पताल की गुणवत्ता और प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि अखंड ज्योति बच्चों के नेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर नए मानक स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध है। युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित एवं संचालित अखंड ज्योति आई हाॅस्पीटल सारण जिले के मस्तीचक में दो सेंटरों को मिलाकर 750 बेड का पूर्वी भारत का सबसे बड़ा आई हाॅस्पीटल नेटवर्क है।
मस्तीचक स्थित अखंड ज्योति आई हाॅस्पीटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 11 ऑपरेशन थिएटर और 11 विभाग हैं। यहाँ 50 से ज्यादा आई स्पेशलिस्ट कार्यरत हैं। अखंड ज्योति आई हाॅस्पीटल की बिहार के पूर्णिया और समस्तीपुर, यूपी के बलिया जिलों में शाखाएं और बिहार-पूर्वी उत्तर प्रदेश में 45 विजन सेंटर कार्यरत है। अखंड ज्योति में सालाना एक लाख से ज्यादा मरीजों के आंखों की सर्जरी की जा रही है। इनमें से लगभग 80 प्रतिशत ऑपरेशन निःशुल्क किया जाता है।
रिपोर्ट - वंदना शर्मा