बिहार में जहरीली शराब पर लगेगी लगाम, मुखिया, पार्षद और चौकीदार करेंगे शराब अड्डों की पहचान

बिहार में जहरीली शराब की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए मुखिया, पार्षद और चौकीदार अब शराब के अड्डों की पहचान कर पुलिस को जानकारी देंगे। जानें पूरी रणनीति।

बिहार में जहरीली शराब पर लगेगी लगाम, मुखिया, पार्षद और चौकीद
liquor ban - फोटो : freepik

Bihar poisonous liquor: बिहार में जहरीली शराब के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अब मुखिया, वार्ड पार्षद और चौकीदार मिलकर जहरीली शराब के अड्डों की पहचान करेंगे और पुलिस को जानकारी देंगे।

शराब धंधेबाजों पर सख्त नजर

जहरीली शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। जिलों में शराब माफियाओं की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मुजफ्फरपुर, छपरा, सीवान और गोपालगंज जैसे जिलों में जहरीली शराब से मौतों के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिन पर अब और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

जमानत पर छूटे अपराधियों पर निगरानी

जहरीली शराब के मामलों में गिरफ्तार किए गए आरोपितों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि जमानत पर छूटने के बाद भी अपराधी गलत गतिविधियों में शामिल न हों।

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उत्पाद विभाग की जिम्मेदारी

उत्पाद विभाग और जिला पुलिस अब मुखिया, पार्षद और चौकीदार की मदद से शराब माफियाओं पर कार्रवाई करेंगे। मुजफ्फरपुर के सहायक आयुक्त उत्पाद विजय शेखर दुबे ने कहा कि शराब की खरीद-बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है, और यदि किसी को आसपास ऐसी गतिविधि होती दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

पिछले मामलों की गंभीरता

मुजफ्फरपुर में 2023 में जहरीली शराब से कई मौतें हुईं, जिसमें कांटी थाना और काजीमोहम्मदपुर जैसे इलाके शामिल हैं। इन मामलों में कई लोगों की जान गई, जबकि कई की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया था, और इसके बाद कांटी थानेदार और दो चौकीदारों को सस्पेंड कर दिया गया था।

बिहार में जहरीली शराब की घटनाओं को रोकने के लिए अब सरकारी तंत्र पूरी तरह से सक्रिय है। मुखिया, पार्षद और चौकीदार की मदद से शराब माफियाओं पर नकेल कसने की योजना बनाई गई है, जिससे राज्य में शराब से होने वाली मौतों पर लगाम लगाई जा सकेगी।