बिहार पुलिस की किरकिरी हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी ,जांच में पाईं खामियां, 800 किलो गाजा संग गिरफ्तार ड्राइवर बरी

N4N डेस्क: बिहार पुलिस को पटना हाईकोर्ट में एक बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ा है। NDPS एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत दर्ज एक मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए अभियुक्त को बरी कर दिया। पुलिस की जांच में खामियों और सबूतों की कमी के चलते अदालत ने कहा कि आरोपी का नशीले पदार्थों से कोई सीधा संबंध साबित नहीं हो पाया।
800 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार, निचली अदालत ने दी थी 12 साल की सजा
मामला 3 फरवरी 2021 का है, जब वैशाली जिले में पुलिस द्वारा शराब व मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान एक ट्रक से 800 किलो गांजा बरामद किया गया। ट्रक ड्राइवर इंद्रपाल, जो उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का निवासी है, को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए 12 साल की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट में अधिवक्ता की दलीलों ने बदला केस का रुख
इंद्रपाल की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की। उन्होंने तीन मुख्य बिंदुओं पर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया:
जब्ती अधिकारी और अनुसंधान अधिकारी द्वारा लिए गए सैंपल में अंतर पाया गया, साथ ही प्रयोगशाला रिपोर्ट में भी समानता नहीं थी।
जब्ती के दौरान मजिस्ट्रेट द्वारा सैंपल की प्रक्रिया का प्रमाणन नहीं किया गया।
स्वतंत्र गवाहों ने पुलिस की चार्जशीट का समर्थन नहीं किया।
कोर्ट ने पुलिस जांच को बताया दोषपूर्ण
यह मामला हाईकोर्ट की डबल बेंच — जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस अजीत कुमार — के समक्ष पेश हुआ। सरकारी पक्ष की ओर से वकील अजय मिश्रा ने दलीलें पेश कीं, लेकिन अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह के तर्कों के सामने वे टिक नहीं पाए। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि इंद्रपाल का मादक पदार्थों से कोई सीधा संबंध था।
आरोपी को किया गया बरी
सभी तथ्यों और सबूतों का परीक्षण करने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस जांच में कई प्रक्रियात्मक त्रुटियां थीं और स्वतंत्र गवाहों का अभाव भी मामले को कमजोर करता है। कोर्ट ने इंद्रपाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
यह फैसला एक बार फिर पुलिस की लचर जांच प्रणाली पर सवाल खड़े करता है और न्यायिक प्रक्रिया में साक्ष्यों की शुद्धता और प्रक्रिया के अनुपालन की अहमियत को रेखांकित करता है।