Bihar Cold: बिहार में कड़कड़ाती सर्दी का स्वास्थ्य पर पड़ रहा है असर, ठंड ने बढ़ाई सेहत की चुनौती , डॉक्टर्स ने कहा- ये सावधानी जरुरी

आईजीआईआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार, “ठंड का सबसे ज्यादा असर कान और गले पर पड़ता है। ऐसे में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं ज्यादा सतर्क रहें।

Bihar Cold
बिहार में कड़कड़ाती सर्दी का स्वास्थ्य पर पड़ रहा है असर- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Cold:कड़कड़ाती ठंड ने पटना की रफ्तार ही नहीं, अस्पतालों की ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) को भी धीमा कर दिया है। आम दिनों की तुलना में इन दिनों अस्पतालों में मरीजों की आवाजाही कम दिख रही है। सर्द हवाओं और गिरते तापमान के चलते लोग गैर-ज़रूरी इलाज के लिए घर से निकलने से परहेज़ कर रहे हैं। लगभग हर विभाग में ओपीडी की भीड़ कम है, लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।

राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थान आईजीआईआईएमएस (IGIMS) की इमरजेंसी में उलटा हाल है। यहां मरीजों की संख्या में इज़ाफा देखा जा रहा है। खासकर ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और सांस से जुड़ी तकलीफों वाले मरीज बड़ी तादाद में इमरजेंसी पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक ठंड में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है।

अस्पताल प्रबंधन की ओर से इनडोर में भर्ती मरीजों को पर्याप्त कंबल और गर्माहट की व्यवस्था दी जा रही है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों के परिजनों को झेलनी पड़ रही है। ठहरने की मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने से उन्हें खुले में कड़ाके की ठंड काटनी पड़ रही है। अलाव या हीटर की व्यवस्था न होने से परिजन इधर-उधर भटकते नजर आते हैं, जो मानवीय चिंता का विषय है।

आईजीआईआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार, “ठंड का सबसे ज्यादा असर कान और गले पर पड़ता है। ऐसे में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं ज्यादा सतर्क रहें। सांस की बीमारी, हार्ट, ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को खास एहतियात बरतनी चाहिए।”

उन्होंने सलाह दी कि इस भीषण सर्दी में बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें, खिड़की-दरवाजे बंद रखें और गर्म कपड़े पहनने में कोई कोताही न करें।

डॉ. उपाध्याय के मुताबिक कान, गला और पैरों को ढंककर रखें, घर के अंदर भी नंगे पांव न चलें। बच्चों को गर्म कपड़ों में लपेटकर रखें, गर्म पानी और दूध-हल्दी का सेवन करें। सांस के मरीज धूप निकलने पर ही बाहर निकलें और तबीयत बिगड़ने की सूरत में देर किए बिना फौरन डॉक्टर से मशविरा लें।