Bihar Teachers News : बीपीएससी TRE 3 में अब कोई सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा. बिहार विधानसभा में मंगलवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इसकी जानकारी दी. बजट सत्र के 11वें दिन खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने इससे जुड़ा सवाल किया. इस पर सुनील कुमार ने कहा कि रकार सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं करेगी.
सुनील कुमार ने कहा कि TRE 3 में अब कोई सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मई महीने में शिक्षक भर्ती परीक्षा के चौथे चरण (TRE-4) की परीक्षा होगी. ऐसे में जो वैकेंसी बची है वह चौथे चरण में ही जोड़ी जाएगा. न कि TRE 3 में अब कोई सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी होगा.
शिक्षा मंत्री को सीएम नीतीश का निर्देश
बिहार विधानसभा में मंगलवार को राजद विधायक ललित यादव द्वारा शिक्षा का अधिकार से जुड़े एक सवाल पर जोरदार हंगामा हुआ. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी.यहां तक कि स्पीकर नंद किशोर यादव द्वारा बार बार हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी जगह पर बैठने को कहा गया लेकिन उनके नारेबाजी रही है. गरीब बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में 25% नामांकन सही से नहीं होने को लेकर सदन में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विधायक वेल तक पहुंच गए और टेबल पीटने लगे .
स्थिति ऐसी हो गई कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी जगह पर खड़े होकर सदस्यों को शांत कराने की पहल करनी पड़ी. हंगामा कर रहे सदस्यों को पहले सीएम नीतीश ने कहा कि अगर कोई दिक्कत है तो लिख कर दें हम इसे देखेंगे. उन्होंने कहा- 'मेरे खिलाफ आप खूब बोलिए. मैं ताली बजाकर तारीफ करूंगा, लेकिन कोई समस्या है तो आप लोग लिखकर दीजिए. हम एक्शन लेंगे . हालाँकि सीएम नीतीश की इस अपील का कोई असर विपक्षी सदस्यों पर नहीं हुआ. नतीजा हुआ कि सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की जोरदार नारेबाजी जारी रही.
अंततः सीएम नीतीश ने एक बार फिर से अपनी जगह पर खड़े होकर विपक्ष को संतुष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम से जुड़े मामले में सरकार पूरी तरह गंभीर है. हमारी सरकार कमजोर वर्ग के लिए काम करती है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में समीक्षा होगी और जहां गडबडी होगी उसे देखा जाएगा. उन्होंने सदन में खड़े होकर सीधे शिक्षा मंत्री और अधिकारी को कहा कि आप इसे देखिए. जहां भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम दिक्कत है उसे दूर किया जाए.