BIHAR TEACHER NEWS - BPSC द्वारा लिए गए प्रधानाध्यापक परीक्षा पास करनेवाले शिक्षक एक अनोखी परेशानी से घिरे हुए हैं। इन शिक्षकों की परेशानी का कारण शिक्षा विभाग के द्वारा प्रधानाध्यापक परीक्षा के नोटिफिकेशन से जुड़ा है। जिसके बाद परीक्षा पास करने के बाद कई शिक्षक प्रधानाध्यापक की ज्वायनिंग लेना नहीं चाहते हैं।
परीक्षा पास करने के बाद इन शिक्षकों को प्रमोशन तो मिल रहा है। लेकिन वेतन उन्हें अभी शिक्षक के रूप में मिल रहे वेतन से कम हो जाएगा। ऐसे में प्रमोशन लेने में अपना नुकसान होता नजर आ रहा है।
नियमावली से जानें पूरा मामला
दरअसल, शिक्षा विभाग ने प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक की भर्ती नियमावली 2021 में बनाई थी। इसके तहत 2022 में वैकेंसी निकाली गई। तब नियोजित शिक्षकों का मूल वेतन 26 हजार रुपए था, जबकि प्रधान शिक्षकों का मूल वेतन ₹30,500 तय हुआ। इस दौरान प्रमोशन पाने की चाहत में दो लाख नियोजित शिक्षकों ने प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का फॉर्म भरा। लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में 3 वर्ष साल का समय गुजर गया। पिछले साल रिजल्ट आया था। जिसमें 15 हजार शिक्षक प्रधानाचार्य के लिए सफल घोषित किए गए थे।
तीन साल में शिक्षकों का मूल वेतन बढ़ गया
इन तीन साल में 26 हजार से बढ़कर शिक्षकों का मूल वेतन 31,340 रुपए हो गया, जबकि वैकेंसी के मुताबिक प्रधान शिक्षकों का वेतन 30,500 रुपए ही रहा। वहीं प्रधान शिक्षक और पुराने नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में भी 850 रुपए का अंतर है।
शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने बताया कि जिस समय प्रधानाध्यापक के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। उस समय शिक्षकों का मूल वेतन लगभग 27 हजार, 28 हजार और 25 हजार था, जबकि प्रधान शिक्षक का 30 हजार और प्रधानाध्यापक का मूल वेतन 35 हजार के आस पास था। आज की तारीख में जो प्रधान शिक्षक बनने जा रहे हैं, उनका मूल वेतन ऑलरेडी 33 हजार से 34 हजार हो गया है। अगर वो पोस्टिंग लेते हैं तो मूल वेतन 30 हजार मिलेगा। प्रधानाध्यापक का मूल वेतन भी घट जायेगा।
शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने बताया, “इस तरह की स्थिति बिहार के शिक्षकों को परेशान करने के लिए उत्पन्न किया जा रहा है. शिक्षकों के साथ न्याय करने के बजाय विभाग शिक्षकों को चोरी और बेईमानी करने के लिए धकेल रही है. इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में बहार है, टीचर लाचार है।
शिक्षा मंत्री के पास पहुंचा मामला
मामला शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के पास पहुंचा। विभागीय बैठक के आधार पर आगे निर्णय लेने की बात कही गई है।