Bihar Urban School Teacher Crisis: BPSC की तीसरे चरण की बहाली पर भी शहरी स्कूलों में फिर अधूरी रह गई उम्मीदें, तीसरे चरण की पोस्टिंग में भी नहीं मिलेंगे शिक्षक
बिहार के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों को BPSC की तीसरे चरण की बहाली में फिर से शिक्षक नहीं मिलेंगे। जानें इससे कैसे प्रभावित हो रही है राज्य की शिक्षा व्यवस्था।

Bihar Urban School Crisis: बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर कठघरे में है। राज्य के शहरी क्षेत्रों के 361 नगर निकायों में मौजूद सरकारी स्कूल तीसरे चरण की शिक्षक बहाली में भी उपेक्षित रह गए हैं। यह समस्या केवल पटना या भागलपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बिहार के 19 नगर निगम, 88 नगर परिषद और 154 नगर पंचायतों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि तीसरे चरण में केवल ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टिंग होगी। खास बात यह है कि BPSC द्वारा तैयार किए गए नए पोस्टिंग पोर्टल में शहरी क्षेत्रों की रिक्तियां पहले से ही लॉक कर दी गई हैं, जिससे यह साफ है कि शहरी स्कूलों को शिक्षक नहीं मिलेंगे।
भागलपुर नगर निगम क्षेत्र का उदाहरण
भागलपुर नगर निगम, नवगछिया, सुल्तानगंज, हबीबपुर, सबौर, और अकबरनगर के तहत आने वाले 116 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक बहाली नहीं की जाएगी। इनमें से 83 स्कूल कक्षा 6 से 8 और 33 स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के हैं। स्थिति इतनी बदतर है कि कई स्कूलों को अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्त शिक्षक भेजकर जैसे-तैसे संचालित किया जा रहा है।
शिक्षक नहीं तो शिक्षा कैसे?
वर्तमान में भागलपुर नगर निगम क्षेत्र के 129 स्कूलों में मात्र 263 शिक्षक बचे हैं, जबकि पहले यहां 502 शिक्षक थे। यदि तीसरे चरण में इन शिक्षकों का भी स्थानांतरण हो गया तो शहर के लगभग 10,000 से अधिक छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी।
नए पोर्टल और नीतिगत बदलाव से शहरी स्कूल हुए बाहर
शिक्षा मुख्यालय ने तीसरे चरण में पोस्टिंग के लिए नए पोर्टल का प्रयोग किया है, जिसमें कई नीतिगत बदलाव भी किए गए हैं। इसकी वजह से रिक्तियों का वर्गीकरण महिला, पुरुष और दिव्यांग श्रेणी में किया गया है।दिव्यांग शिक्षकों को केवल उन्हीं स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां रैंप, शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं।जिलों को अब अधिकार दिया गया है कि हर स्कूल के लिए आवश्यक महिला शिक्षक संख्या भी वे खुद तय कर अपलोड करें।हालांकि यह व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की संतुलित पोस्टिंग के लिए उपयोगी हो सकती है, लेकिन इससे शहरी क्षेत्रों के शिक्षा संकट को और गहरा कर दिया है।
अर्बन एजुकेशन सिस्टम पर ‘ग्रहण’
भागलपुर सहित बिहार के तमाम शहरी क्षेत्रों में पहले ही शिक्षकों की भारी कमी है। पहली और दूसरी चरण की शिक्षक बहाली में भी शहरी क्षेत्रों को शिक्षक नहीं मिले। ऐसे में तीसरे चरण में भी बहाली न होना शहरी सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सीधी अवहेलना है।भागलपुर के डीपीओ देवनारायण पंडित ने कहा कि अभी तक जो निर्देश आया है उसके अनुसार अर्बन क्षेत्र में तीसरे चरण के पोस्टिंग से शिक्षक नहीं दिए जाएंगे। मुख्यालय की ओर से कोई गाइडलाइंस नहीं है कि शहरी क्षेत्र में शिक्षक कब आएंगे।"