Bihar News: बुडको की बड़ी कार्रवाई, 18 परियोजना निदेशकों का वेतन रोका, मांगी स्पष्टीकरण, 3 दिन का अल्टीमेटम

Bihar News: बुडको ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 परियोजना निदेशकों का वेतन रोक दिया है। साथ ही 3 दिनों का समय दिया है 3 दिनों में इन्हें अपना स्पष्टीकरण देना होगा नहीं तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Budko
Budko Big action- फोटो : social media

Bihar News: मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना (फेज-2) की प्रगति की समीक्षा के दौरान बुडको (बिहार शहरी आधारभूत संरचना निगम) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के 18 जिलों के परियोजना निदेशकों का वेतन रोक दिया है। बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने रविवार को योजना की समीक्षा बैठक की। जिसमें पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजनाओं का चयन जिला संचालन समितियों द्वारा पहले ही कर लिया गया था लेकिन संबंधित जिलों से योजनाओं की सूची प्राप्त होने के बावजूद समय पर प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया।

लापरवाही पर जताई गंभीर नाराजगी

बुडको एमडी ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित परियोजना निदेशकों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। जब तक स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं मिलता तब तक वेतन स्थगित रहेगा। साथ ही, स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि कार्य में कोताही किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी।

सप्ताह भर में कार्य पूरा करने का निर्देश

बुडको ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर चयनित योजनाओं का प्राक्कलन तैयार कर उसे तकनीकी अनुमोदन के बाद प्रशासनिक स्वीकृति के लिए संबंधित जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाए। इसके अतिरिक्त सभी परियोजना निदेशकों को स्वयं स्थल निरीक्षण कर परियोजनाओं से संबंधित सभी जानकारियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

इन 18 जिलों के परियोजना निदेशकों से मांगा गया जवाब

इस कार्रवाई की जद में आने वाले जिलों में भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया, जहानाबाद, गया, नवादा, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, सुपौल, बेगूसराय, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, लखीसराय और शेखपुरा शामिल है। सभी परियोजना प्रबंधकों को चेतावनी दी गई है कि चयनित योजनाओं का समय पर प्राक्कलन प्रस्तुत न करना कर्तव्य में गंभीर लापरवाही के तहत माना जाएगा।

बुडको की स्पष्ट हिदायत

बुडको ने दो टूक कहा है कि मुख्यमंत्री समग्र शहरी योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की ढिलाई राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के खिलाफ है। सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे गंभीरता से कार्य करें, अन्यथा आर्थिक दंड सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस समीक्षा और उसके बाद हुई सख्त कार्रवाई को राज्य सरकार की योजनाओं की समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।